बलिया : अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों को मनचाहा स्थानांतरण पाने के लिए बेहतर काम करने के साथ बर्ताव भी सही करना होगा. शिक्षकों का स्थानांतरण अब जुगाड़ पर नहीं हो सकेगा. इसके लिए उन्हें अच्छी मेरिट तैयार करनी होगी. जिसका काम बेहतर होगा, उन्हें मनचाहा जिला व कॉलेज मिलेगा. उच्च शिक्षा निदेशालय ने डिग्री कॉलेज के शिक्षकों की कार्यप्रणाली सुधारने के लिए उनके काम को ही मानक बनाया है.
अब जुगाड़ पर एडेड डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों का स्थानांतरण नहीं हो सकेगा. इस संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय ने निर्देश जारी किया है. जिनका काम अपेक्षा के अनुसार सही नहीं होगा, या जो हमेशा विवादों में रहते हैं, उन्हें स्थानांतरण पाने में दिक्कत होगी.
निदेशालय के नये नियम से कॉलेजों में शैक्षणिक माहौल भी बेहतर होगा. इस साल मई-जून में स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी. ऐसे में निदेशालय ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. उच्च शिक्षा निदेशालय के स्तर से ही एडेड डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों का स्थानांतरण होता है. शिक्षक तरह-तरह की मजबूरी बताकर मनचाहे जिले और कॉलेजों में स्थानांतरण लेते हैं.
अभी पति-पत्नी या संतान के साथ रहने को थी प्राथमिकता : अभी तक शिक्षकों का स्थानांतरण पारिवारिक मजबूरियों के कारण ही होता रहा है. परिजनों के साथ रहने को प्राथमिकता देते हुए आवेदन स्वीकार किये जाते थे. अब यह नियम बदल जायेगा. मेरिट तैयार होगी, जिसके लिए काम को मानक बनाया गया है. प
हले उन शिक्षकों को ही मौका मिलेगा, जिनका काम अच्छा होगा. उसके बाद जगह बची तो अन्य शिक्षकों को मौका दिया जायेगा. इससे अन्य शिक्षकों को भी बेहतर काम करने की प्रेरणा मिलेगा.
इस मानकों परबनेगी मेरिट
स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षक का छात्रों व सहयोगियों के साथ व्यवहार
कक्षा में शिक्षक की उपस्थिति
शोध कार्य में शिक्षक की उपलब्धि
शिक्षक के विषय का रिजल्ट
