गाड़ी का नंबर वीआईपी हो, तो गाड़ी की पहचान अलग हो जाती है. यही कारण है कि लोग अपनी गाड़ी का नंबर दूसरों से अलग रखना चाहते हैं. गाड़ी के नंबर के लिए लोग पैसा खर्च करने के लिए भी तैयार हो जाते हैं. यूपी में एक गाड़ी का वीआईपी नंबर पांच लाख रुपये में बेचा गया है.
इस वीआईपी नंबर के लिए ऑनलाइन आवेदन मंगवाया गया था. आवेदन किये गये लोगो में से जिन लोगों ने ज्यादा बोली लगायी वही इस नंबर के हकदार हो गये. यूपी 14 ई क्यू 0001 नंबर लेने के लिए बोली पांच लाख रुपये तक चली गयी. परिवहन विभाग ने नंबर आवंटित कर दिया.
वीआईपी नंबर की यह बोली अबतक की सबसे बड़ी बोली बतायी जा रही है अबतक नंबर के लिए दो लाख रुपये तक की बोली लगी है. परिवहन विभाग इन विशेष नंबर की बोली लगवाती है उसके बाद नंबर आवंटित करती है.
पहले इस तरह का वीआईपी नंबर सरकार की सिफारिश से मिलता था. इस सिफारिश के बाद विशेष लोगों को नंबर आवंटित कर दिया जाता था लेकिन इस व्यस्था को बदल दिया गया है अब जिसे वीआईपी नंबर चाहिए वह बोली लगाकर खरीद सकता है.
इस तरह का वीआईपी नंबर लेने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा . वहां बोली लगेगी जो ऊंची बोली लगायेगा उसे नंबर आवंटित कर दिया जायेगा. यूपी के गाजियाबाद में वाहनों के लिए यूपी-14 की नई सीरीज जारी की गई है, ये सीरीज 0001 से शुरू होती है जो की एक वीआईपी नंबर है.
इस नंबर के लिए 100 से ज्यादा लोगों ने आवेद किया था लेकिन सबसे ज्यादा बोली लगाकर हरिशंकर यादव ने पांच लाख रुपये में खरीद लिया है. दूसरी सबसे बड़ी बोली 0007 के लिए लगी. इसके लिए 1.10 लाख रुपये दिये गये हैं इसे शालिनी त्यागी ने खरीदा है. उन्हें यह नंबर अलॉट किया गया है.