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अखिलेश ने पीके को टैक्स फ्री कर कट्टरवाद को दी चुनौती

।।राजेन्द्र कुमार।। लखनऊः इस बीत रहे साल के आखिरी दिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फिल्म पीके को टैक्स फ्री कर प्रदेश में धार्मिक कट्टरवाद फैलाने में जुटी ताकतों को चुनौती दे दी. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े तमाम संगठन पीके फिल्म का विरोध कर रहे है. इस फिल्म की आड़ में कई धार्मिक कट्टरपंथी […]

।।राजेन्द्र कुमार।।
लखनऊः इस बीत रहे साल के आखिरी दिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फिल्म पीके को टैक्स फ्री कर प्रदेश में धार्मिक कट्टरवाद फैलाने में जुटी ताकतों को चुनौती दे दी. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े तमाम संगठन पीके फिल्म का विरोध कर रहे है. इस फिल्म की आड़ में कई धार्मिक कट्टरपंथी संस्थाएं उत्तर प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाने के प्रयासों पर हावी होने की फिराक में हैं.

उत्तर प्रदेश जैसे बीमारू राज्य के लिए कट्टरपंथियों यह मंशा खतरनाक साबित होगी, यह भांपते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीके को बुधवार को फिल्म पीके को टैक्स फ्री करने का राजनीतिक दांव चल दिया.अभी तक देश के किसी राज्य ने इस फिल्म को टैक्स फ्री नहीं किया है. यूपी ही वह पहला राज्य है जिसने तमाम हिंदूवादी संगठनों के विरोध के बाद भी इस फिल्म को टैक्स फ्री करने के हिम्मत दिखायी है.

यही वजह है कि मुख्यमंत्री के इस फैसले से बजरंग दल जैसे संगठन तिलमिला गए हैं. बजरंग दल ने मुख्यमंत्री के इस फैसले का प्रदेश भर में विरोध करने का फैसला किया है. वही डा. रमेश दीक्षित सरीके विद्वानों में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस फैसले की सराहना की है. लखनऊ विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर रहे रमेश दीक्षित कहते हैं कि पीके फिल्म में धर्म के पाखंड को बहुत ही सलीके से उजागर करते हुए इंसानियत का संदेश दिया गया है.

ऐसे में अखिलेश यादव ने पीके फिल्म को टैक्स फ्री कर कट्टरवाद को फैलाने वालों को साफ संदेश दिया है कि उनकी मंशा को यूपी में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.डा. रमेश दीक्षित के अनुसार संघ और भाजपा से जुड़े तमाम संगठन मन्दिर और मस्जिद के विवाद, धर्म परिवर्तन सरीखे कृत्यों के जरिए उत्तर प्रदेश की आब-ओ-हवा को नया रंग देने की फिराक में हैं. बीते लोकसभा चुनावों के बाद से बजरंग दल, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) सरीखे संगठन आए दिन किसी ना किसी धार्मिक मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर हमलावर होते रहे हैं.

भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेता अखिलेश यादव के किये कराए पर पानी फेर रहे हैं जो अभी विकास की तस्वीर दिखाकर उत्तर प्रदेश की जनता को अच्छे दिन आने का भरोसा दिलाने का प्रयास कर रहे हैं.जिसके चलते मेरठ, लखनऊ, वाराणसी और आगरा में मैट्रो दौड़ाने और प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाने को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कोशिशें कट्टरपंथियों के उनमादी बयानों के सामने जनता की जुबान पर चढ़ ही नहीं पा रही.

राजनीति के इस खेल पर भाजपा के तमाम बड़े नेताअओं की निगाह जमी है. भाजपा के इन नेताअओं को लगता है कि लव जेहाद और घर वापसी जैसे विहिप, बंजरंग दल और हिन्दू महासभा के कार्यक्रमों से पार्टी को लाभ होगा. इसी कारण बीते लोकसभा चुनावों और उसके बाद से भाजपा नेता कट्टरवाद की चाशनी में पिरोये विकास का मिश्रण उत्तर प्रदेश की जनता के सामने लगातार पेश कर रहे रहे है. यही नहीं भड़काऊ भाषण देकर भाजपा नेता प्रदेश की जनता का ध्यान वास्तविक कारणों से भटकाने में जुटे हैं.

भाजपा और उससे जुड़े संगठनों की इस राजनीति को समझते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने साल के आखिरी दिन पीके को टैक्स फ्री कर धार्मिक कट्टरवाद फैलाने वाली ताकतों पर करारी चोट कर दी. पीके को यूपी के हर शहर में बड़ी संख्या में लोगों ने पसंद किया. कट्टरप‍ंथियों द्वारा इस फिल्म का किया जा रहा विरोध यूपी के लोगों ने नकारा दिया.

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कहते हैं कि इस फिल्म को समाज के हर तबके ने पसंद किया. यह फिल्म दिलों को जोड़ने का संदेश देती है. जिसके चलते ही हमने इस ‍फिल्म को टैक्स फ्री किया है. मुख्यमंत्री ने अपने निर्णय की वजह को उजागर करते हुए यह भी कहा है कि यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने में सरकार हिचकेगी नहीं. यानि पीके फिल्म को विरोध करते हुए यदि किसी धार्मिक कट्टरपंथी ने कानून की अनदेखी की तो उसे जेल की हवा तो खानी ही होगी.

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