शाहजहांपुर : पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में विशेष जांच दल द्वारा आरोपी बनायी गयी पीड़ित छात्रा ने मंगलवार को एक स्थानीय न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की जिसे अदालत ने विचारार्थ स्वीकार करते हुए सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तारीख तय की है.
छात्रा के वकील अनूप त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया कि एडीजे सुधीर कुमार की अदालत ने चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली 23 साल की छात्रा की अग्रिम जमानत की याचिका मंगलवार को स्वीकार कर ली. उन्होंने बताया कि अदालत ने इस मामले से संबंधित सभी रिकार्ड 26 सितंबर को तलब किये हैं. वकील त्रिवेदी ने कहा, यह हमारे लिए काफी राहत की बात है कि अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली है. सामान्यत: ऐसे मामलो में गिरफ्तारी नहीं होती. इससे पहले चिन्मयानंद यौन शोषण के मामले में सोमवार को पीड़िता ने उच्च न्यायालय में अनुरोध किया था कि उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगायी जाये.
इस पर न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की पीठ ने यह कहकर गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था कि पीड़िता अगर राहत चाहती है तो उचित पीठ के समक्ष नयी याचिका दायर कर सकती है. अदालत ने यह भी कहा था कि पीठ इस मामले में केवल जांच की निगरानी करने के लिए नामित की गयी है और गिरफ्तारी के मामले में कोई आदेश पारित करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि इसी मामले को लेकर आज पीड़िता ई-रिक्शा से अपने भाई और पिता के साथ अदालत आ रही थी कि एसआईटी को इसकी सूचना मिल गयी. एसआईटी के पूछने पर पीड़िता ने कहा कि वह अदालत में हस्ताक्षर करने जा रही है. इसके बाद एसआईटी की टीम उसे लेकर अदालत पहुंची जहां पीड़िता ने अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की.
पीड़िता के अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया कि पीड़िता ने अपर जिला जज प्रथम सुधीर कुमार की अदालत में जमानत की अर्जी दी जिसे स्वीकार कर लिया गया है. अदालत ने अर्जी पर बहस होने के बाद कोई निर्णय नहीं दिया और कहा कि 26 सितंबर को पूरे साक्ष्य के साथ सुनवाई होगी. पीड़िता के अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने यह भी कहा कि पीड़िता की गिरफ्तारी की अफवाह उड़ायी गयी है, जबकि अदालत द्वारा पीड़िता की अर्जी को स्वीकार करना उसकी सबसे बड़ी जीत है. उन्होंने बताया कि विशेष जांच दल की टीम पीड़िता को उसके आवास तक छोड़ने गयी.
चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में एसआईटी ने विक्रम, सचिन तथा संजय को गिरफ्तार किया था. इस मामले में जिस मोबाइल से चिन्मयानंद को व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा गया था, उस मोबाइल को विक्रम और सचिन ने राजस्थान में झाड़ियों में फेंक दिया था. मंगलवार को विशेष जांच दल की टीम विक्रम और सचिन को दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे रिमांड पर लेकर मोबाइल का पता लगाने जयपुर गयी. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने चिन्मयानंद की जमानत की अर्जी नामंजूर कर दी. चिन्मयानंद को विशेष जांच दल ने विधि की एक छात्रा द्वारा बलात्कार का आरोप लगाये जाने के बाद गिरफ्तार किया था. उनके वकील ओम सिंह ने मंगलवार को बताया कि चिन्मयानंद की जमानत याचिका को अदालत ने यह कहते हुए नामंजूर कर दिया कि यह अर्जी सत्र अदालत में लगायी जानी चाहिए. अदालत ने भाजपा नेता से रंगदारी मांगने के मामले में तीन आरोपियों संजय, सचिन और विक्रम की जमानत याचिका भी नामंजूर कर दी.
एसआईटी सूत्रों ने बताया कि विशेष जांच दल ने तीनों युवकों में से दो को 95 घंटे के लिए रिमांड पर लिया था. एसआईटी इन दोनों युवकों को रंगदारी की मांग में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोन की बरामदगी वाली जगह पर ले जाना चाहती थी. दोनों युवकों ने एसआईटी को बताया कि उन्होंने फोन को राजस्थान में मेहंदीपुर बालाजी के पास फेंक दिया था. इसी फोन से रंगदारी की मांग की गयी थी. सूत्रों ने बताया की एसआईटी ने ओम सिंह के मोबाइल फोन की भी पड़ताल की जिस पर रंगदारी की रकम मांगने के लिए मैसेज दिया गया था.