Rourkela News: लाठीकटा प्रखंड के करलाखमन गांव में शुक्रवार को पैदल चलकर ड्यूटी जा रही एक महिला को दंतैल हाथी ने कुचलकर मार डाला. इसी हाथी ने गुरुवार को दिनदहाड़े सुइडीही में एक बुजुर्ग को कुचलकर मार डाला था. इन घटनाओं को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है.
ग्रामीणों ने शव पोस्टमार्टम के लिए देने से किया मना
इसके प्रतिवाद में ग्रामीणाें ने हमला करनेवाले हाथी को नहीं पकड़ने तक शव पोस्टमार्टम के लिए नहीं देने की मांग पर 10 घंटों आंदोलन किया. अंत में रेंजर ने ग्रामीणों की आठ सूत्री मांगों को पूरा करने का लिखित भरोसा दिया तथा दाह संस्कार के लिए 20 हजार रुपये की राशि देने के बाद ग्रामीणों ने अपना आंदोलन वापस लिया.
रेंजर ने आठ सूत्री मांगें मानने का लिखित भरोसा दिया
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह सात बजे जसिंता गुड़िया (51) नामक महिला डयूटी जा रही थी. तभी सड़क किनारे खड़े एक दंतैल हाथी ने उसे कुचलकर मार डाला. इसकी सूचना मिलने के बाद डीएफओ, रेंजर व पुलिस की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर छानबीन शुरू की. लेकिन ग्रामीणों ने हमला करनेवाले हाथी को पकड़कर लाने की मांग पर शव लेने नहीं दिया. अंत में शाम पांच बजे रेंजर सुचिस्मिता दास ने उनकी आठ सूत्री मांगों काे लेकर लिखित भरोसा दिया. साथ ही दाह संस्कार के लिए 20 हजार रुपये की राशि देने के बाद ग्रामीणों ने 10 घंटे बाद अपना आंदोलन वापस लिया.
हाथी को गांव में आने से रोकने के लिए कदम उठाने की मांग
इन आठ सूत्री मांगों में गांव में सड़क किनारे हाथी को आने से रोकने के लिए ट्रेंच की खुदाई करने, सड़क किनारे लाइट की व्यवस्था करने, बस्ती के अंदर लाइट की व्यवस्था, सड़क के दोनों ओर 50 मीटर तक झाड़ियों की सफाई, इस गांव में एडवांस वार्निंग सिस्टम लागू करने, गांव से ज्यादा संख्या में गज साथियों को लेने, मृत परिवार को अनुकंपा राशि के साथ अन्य सुविधाएं देना, शाम के समय ग्रामीणों के आना-जाना करने के लिए सुरक्षा की व्यवस्था करने की मांग शामिल है. कुलामुंडा, एरगेड़ा, लोहधर, सोना पर्वत व सुइडीही गांवों में भी यह व्यवस्था लागू करने की मांग की गयी है.
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