Rourkela News: अपोलो अस्पताल पर एक बार फिर जनता का आक्रोश फूटा. बुधवार की रात दो दर्जन से अधिक लोगों ने अस्पताल पर मनमानी का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा मचाया. हालात धीरे-धीरे तनावपूर्ण हुए, तो पुलिस बुलानी पड़ी. जिसके बाद किसी तरह पुलिस ने मामले को शांत कराया.
मरीजों और उनके परिजनों से किया जा रहा दुर्व्यवहार : नीरज चतुर्वेदी
भाजपा कार्यकर्ता नीरज चतुर्वेदी की अगुवाई में दो दर्जन से अधिक लोगों ने अस्पताल में हंगामा मचाने के साथ ही आरोप लगाया कि अस्पताल ना केवल मरीजों व उनके परिजनों के साथ गलत व्यवहार कर रहा है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन माझी सरकार को बदनाम करने के लिए आयुष्मान कार्डधारकों का इलाज करने से मना कर रहा है. इधर अपोलो अस्पताल की सहायक मैनेजर जीता राय से पूछने पर उन्होंने कहा कि वे शहर से बाहर हैं, इसलिए उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है.
क्या है मामला
नीरज चर्तुवेदी ने बताया कि उनकी एक परिचित महिला का इलाज अपोलो अस्पताल में चल रहा था. दो दिन पहले ही उन्हें भर्ती कराया गया था. उनके फेफड़ों में कुछ तकलीफ थी. इलाज के दौरान चिकित्सकों ने कहा कि यहां इलाज नहीं होगा, लिहाजा मरीज को ले जायें. बात तय हुई कि सुबह 4:30 बजे मरीज को ले जाया जायेगा. लेकिन रात को 12 बजे अस्पताल से फोन आया कि आप मरीज को तत्काल लेकर जाइये, वरना मरीज को अस्पताल से बाहर छोड़ देंगे. जिसके बाद वे खुद और मरीज के परिजन अस्पताल पहुंचे. इस दौरान अस्पताल के कर्मचारियों का रवैया बेहद अभद्र था. अस्पताल के शीर्ष अधिकारी से बात कर निवेदन किया गया, तो मरीज को रात के समय अस्पताल में रहने दिया गया. लेकिन अगली सुबह फिर से कर्मचारियों का रवैया बहुत ही खराब हो गया और उन्होंने मरीज को ले जाने और तत्काल अस्पताल का बिल जमा करने को कहा. 10 हजार रुपये जमा करने पर कहा गया कि पैसे नहीं आये हैं, दोबारा कीजिए. स्थिति को देखते हुए फिर से 10 हजार रुपये जमा किये गये.आयुष्मान कार्डधारकों को नहीं किया जा रहा भर्ती
नीरज ने आरोप लगाया कि इस दौरान उन्होंने अस्पताल में कुछ लोगों को मरीजों के साथ देखा और पूछने पर पता चला कि आयुष्मान कार्डधारकों को भर्ती नहीं लिया जा रहा है. इस बारे में पूछने पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला.आइजीएच से अपोलो तक एंबुलेंस का किराया 3500 रुपये
एक महिला ने आरोप लगाया कि उनके मरीज को इस्पात जनरल अस्पताल से अपोलो अस्पताल लाने के लिए 3500 रुपये एंबुलेंस का किराया जमा लिया गया. जबकि यह दूरी महज पांच सौ मीटर की है. रुपये पहले जमा कराये गये, तब मरीज को अपोलो लाया गया. महिला ने बताया कि आइजीएच में उनके मरीज भर्ती थे, उन्हें हार्ट की समस्या है. आइजीएच में चिकित्सकों ने अपोलो ले जाने को कहा. जिसके बाद वे अपोलो अस्पताल पहुंचीं, तो उनसे एंबुलेंस के लिए 3500 रुपये लिये गये. वहीं 42 हजार रुपये जमा कराने के बाद इलाज शुरू किया गया.सेक्टर-19 पुलिस ने लोगों को समझा कर शांत कराया
हंगामा बढ़ता देख सेक्टर-19 थाना प्रभारी रंजन कुमार नायक थाना के अन्य पुलिसकर्मियों के साथ अस्पताल पहुंचे और लोगों को समझा-बुझाकर स्थिति को शांत किया. अस्पताल के रवैये से नाराज नीरज चतुर्वेदी ने चेतावनी दी की अस्पताल प्रशासन ने रवैया नहीं बदला, तो आंदोलन और भी तेज किया जायेगा. उन्होंने कहा कि कुछ अस्पताल आयुष्मान योजना को बदनाम कर प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं करेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

