Rourkela News: नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी (एनआइटी) राउरकेला के प्लानिंग और आर्किटेक्चर विभाग ने शुक्रवार को दिव्यांगजनों के लिए स्मार्ट मोबिलिटी पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एसएमडीए-2025 का उद्घाटन किया. यह तीन दिवसीय संगोष्ठी (5-7 दिसंबर) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की प्रतिष्ठित स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ एकेडमिक एंड रिसर्च कोलैबोरेशन (एसपीएआरसी) के तहत आयोजित हो रही है. दुनिया ने तीन दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस मनाया, उसी उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम दिव्यांगों की स्वतंत्र गतिशीलता बढ़ाने के लक्ष्य से आयोजित किया गया है.
वैश्विक विशेषज्ञ, नीति निर्माता, शोधकर्ता और प्रैक्टिशनर एक मंच पर आये
इस संगोष्ठी में वैश्विक विशेषज्ञ, नीति निर्माता, शोधकर्ता और प्रैक्टिशनर एक साथ जुड़े, ताकि मोबिलिटी इनोवेशन, शहर-स्तरीय रणनीतियां, सुलभ डिजाइन और तकनीक आधारित समाधान खोजे जा सकें. उद्घाटन समारोह का नेतृत्व एनआइटी राउरकेला के निदेशक प्रो के उमामहेश्वर राव ने किया. उन्होंने भारत की पैरालंपिक खेलों में प्रेरणादायक उपलब्धियों को याद दिलाते हुए दिव्यांगजनों के लिए अवसर, सहायता और जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि गतिशीलता से जुड़ी समस्याओं को खत्म करने में सामाजिक जागरुकता अहम भूमिका निभाती है. रजिस्ट्रार प्रो रोहन धीमान ने कहा कि मजबूत संस्थागत और सरकारी समर्थन से ही दिव्यांगजनों का सशक्तीकरण संभव है. साथ ही, सरकारी योजनाओं और सहयोगी ढांचों का प्रभावी उपयोग जरूरी है. विभागाध्यक्ष और अध्यक्ष प्रो नवनीता साहा ने बताया कि एनआइटी राउरकेला का प्लानिंग और आर्किटेक्चर विभाग लगातार एनआइआरएफ रैंकिंग में शीर्ष दस संस्थानों में शामिल है. उन्होंने कहा कि एसएमडीए-2025 विभाग की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो समावेशी, व्यावहारिक डिजाइन और दिव्यांगजनों की गरिमा, पहुंच और समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए है.
दिव्यांगजन की मोबिलिटी में सुधार के लिए तकनीकी समाधान खोजना लक्ष्य
संगोष्ठी की कन्वीनर प्रो सौमी मुहुरी ने बताया कि इस कार्यक्रम का तकनीकी दायरा राउरकेला के दिव्यांग नागरिकों की मोबिलिटी सुधारने के लिए टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशंस, नीति उपकरण, शहरी डिजाइन तकनीक और प्रोडक्ट-विशेष नवाचार को एक साथ लाता है. यह अर्बन प्लानिंग, इंजीनियरिंग और कम्युनिटी-ड्रिवन अप्रोच के माध्यम से दिव्यांगता अधिकारों पर राष्ट्रीय बातचीत को तेज करता है. मुख्य वक्ता प्रो रीना तिवारी (कर्टिन यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया) ने मानव-केंद्रित मोबिलिटी प्लानिंग पर बल देते हुए कहा कि एक्सेसिबल मोबिलिटी डिजाइन गाइडलाइन, डिजिटल टूल्स और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी पर निर्भर करती है. उद्घाटन सत्र का धन्यवाद प्रस्ताव प्रो दीपंजन साहा ने प्रस्तुत किया.
भविष्य के शहरों को बाधा रहित मोबिलिटी की गारंटी देनी चाहिए
यह कार्यक्रम प्रो सौमी मुहुरी, प्रो सुदीप कुंडू, प्रो दीपंजन साहा, प्रो मोहम्मद नौमान निजामुद्दीन, कर्टिन यूनिवर्सिटी की प्रो रीना तिवारी और लॉरेंस टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के प्रो अनिर्बान आध्या के संयुक्त नेतृत्व में आयोजित हो रहा है. आयोजकों ने जोर दिया कि भविष्य के शहरों को बाधा रहित मोबिलिटी की गारंटी देनी चाहिए और सभी के लिए समान भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए. उद्घाटन सत्र प्रो दीपंजन साहा द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समाप्त हुआ, एसएमडीए-2025 में की-नोट लेक्चर, टेक्निकल सेशन, प्रोडक्ट डेमोंस्ट्रेशन और प्लानिंग फ्रेमवर्क शामिल हैं, जो इन पर केंद्रित हैं.इन विषयों पर होगी चर्चा
1. एक्सेसिबल ट्रांसपोर्ट और सार्वजनिक आधारभूत संरचनाएं2. शहर स्तर पर मोबिलिटी चुनौतियां और समाधान
3. समावेशी मोबिलिटी के लिए नीति फ्रेमवर्क4. टेक्नोलॉजिकल टूल्स, विश्लेषणात्मक तरीके और सहायक उत्पाद5. एक्सेसिबल शहरी वातावरण के लिए सहयोगात्मक योजनाएं
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