Rourkela News: सरकारी उदासीनता के दंश से जूझ रहा अक्षयशिला जलप्रपात आज भी पर्यटन सुविधाओं के अभाव में उपेक्षित बना हुआ है. ओडिशा-झारखंड सीमा पर स्थित यह रमणीय स्थल सुंदरगढ़ जिले के प्रमुख आकर्षणों में गिना जाता है, लेकिन पर्यटकों को यहां पहुंचने पर मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी का सामना करना पड़ता है.
नवंबर से फरवरी तक पहुंचते हैं बड़ी संख्या में पर्यटक
अक्षयशिला जलप्रपात राउरकेला से 25 किमी और बिसरा ब्लॉक मुख्यालय से मात्र आठ किमी की दूरी पर तुलसीकानी पंचायत में स्थित है. घने जंगल और मनमोहक झरनों से सजा यह क्षेत्र नवंबर से फरवरी के बीच बड़ी संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. यहां तक कि स्थानीय प्रशासन की ओर से एक वृत्तचित्र की शूटिंग भी की गयी थी. बावजूद इसके इस स्थल को आज तक राज्य के पर्यटन मानचित्र पर उचित जगह नहीं मिल पायी है. इससे संभावनाओं से परिपूर्ण यह प्राकृतिक धरोहर सरकारी उपेक्षा की शिकार बनी हुई है. पर्यटन प्रेमियों के लिए यहां पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है. न तो सड़कें ठीक हैं और न ही यात्रियों के लिए विश्राम स्थल या शेड उपलब्ध हैं. महिलाओं और बच्चों के लिए शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. रोशनी की कमी के कारण शाम ढलते ही पर्यटकों को लौटना पड़ता है, जिससे रात्रि पर्यटन की संभावना समाप्त हो जाती है. इसके अलावा सुरक्षा संबंधी किसी भी तरह का सूचना बोर्ड या गाइडलाइन न होने के कारण कई बार लोग लापरवाही से अपनी जान भी गंवा बैठते हैं.
ब्लॉक प्रशासन के प्रस्ताव पर 10 माह बाद भी पहल नहीं
अक्षयशिला जलप्रपात के विकास को स्थानीय स्तर पर कई प्रयास किये गये हैं. ब्लॉक प्रशासन ने 16 नवंबर 2024 को पत्र संख्या-3530 के माध्यम से पर्यटन विभाग को 2 करोड़ 45 लाख रुपये का प्रस्ताव भेजा था. इसका उद्देश्य सड़क, प्रकाश, शौचालय और अन्य आवश्यक सुविधाओं का विकास करना था. मगर 10 महीने बाद भी यह प्रस्ताव फाइलों में दबा हुआ है. सरपंच देवेंद्र एक्का का कहना है कि उन्होंने कई बार सुधारात्मक पहल और गेल गेट लगाने की मांग की, लेकिन कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया. यदि सरकार समय पर ध्यान दे और प्रस्ताव को अमल में लाये, तो अक्षयशिला जलप्रपात न केवल सुंदरगढ़ जिले, बल्कि ओडिशा पर्यटन का प्रमुख आकर्षण बन सकता है. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और क्षेत्र का आर्थिक विकास संभव हो सकेगा.
2026-27 में प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने की उम्मीद
बिसरा एबीडीओ बसंता माझी का कहना है कि कुछ वर्षों पूर्व चार लाख रुपये की राशि से सड़क और तटबंध का विकास किया गया था, किंतु बड़ी परियोजना अब भी अटकी हुई है. वहीं पर्यटन अधिकारी निरंजन महापात्र ने बताया कि ब्लॉक प्रशासन की ओर से दिया गया प्रस्ताव हमने पर्यटन विभाग को भेजा है. उन्होंने उम्मीद जतायी है कि ब्लॉक प्रशासन के इस प्रस्ताव को वर्ष 2026-27 में स्वीकृति मिल सकती है.
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