Sambalpur News: संबलपुर नगर निगम चुनाव का रास्ता साफ हो गया है. हाइकोर्ट में 2015 से लंबित मामले की सुनवाई बुधवार को पूरी हो गयी. नवगठित संबलपुर नगर निगम द्वारा आरक्षण नियमों का उल्लंघन कर वार्ड आरक्षण अधिसूचना जारी करने के आरोप को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. हाइकोर्ट ने वार्ड आरक्षण संबंधी अधिसूचना को रद्द कर दिया. हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह संबलपुर नगर निगम के वार्ड आरक्षण के संबंध में छह सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी करे, जिसमें आरक्षण को 50 प्रतिशत तक सीमित रखा जाये और आरक्षण नियमों का पालन किया जाये.
50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण का किया गया था विरोध
हाइकोर्ट ने अजय कुमार मोहंती द्वारा दायर याचिका की सुनवाई पूरी कर ली. न्यायमूर्ति आरके पटनायक की पीठ ने संबंधित मामले पर विचार करने के बाद यह फैसला सुनाया. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने नवगठित संबलपुर नगर निगम के चुनाव से पहले वार्ड आरक्षण को लेकर अधिसूचना जारी की थी. आरोप लगाया गया था कि आरक्षित वर्ग के लिए 50 प्रतिशत से अधिक वार्ड आरक्षित किये गये थे और अधिसूचना जारी की गयी थी. आरक्षण नियमों के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. श्री महंती ने उच्च न्यायालय में एक मामला दायर कर कहा कि यह सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का उल्लंघन है. दो अप्रैल, 2015 को उच्च न्यायालय ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई की और इस संबंध में एक अंतरिम आदेश जारी किया. मामला लंबित रहने के दौरान, उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश के कारण संबलपुर नगर निगम के चुनाव नहीं हो सके. संबलपुर पूर्वांचल के प्रकाश कुमार शतपथी ने मामले में हस्तक्षेपकर्ता के रूप में प्रतिनिधित्व किया था. मामले की अंतिम सुनवाई बुधवार को पूरी हुई.
15 सितंबर, 2013 को संबलपुर बना था नगर निगम
आवास एवं शहरी विकास विभाग ने 15 सितंबर, 2013 को संबलपुर नगर निगम के गठन की अधिसूचना जारी की थी. संबलपुर नगर निगम का गठन हीराकुद, बुर्ला और 12 ग्राम पंचायतों को मिलाकर किया गया था. उम्मीद थी कि जनप्रतिनिधि आयेंगे और लोगों की समस्याओं का समाधान होगा. संबलपुर नगर निगम के निवासियों को मूलभूत सुविधाएं मिलेंगी. लेकिन नगर निगम के नवगठित वार्डों को लेकर जारी आरक्षण अधिसूचना पर विवाद हो गया. कानूनी विवाद के बीच संबलपुर नगर निगम के चुनाव नहीं हो सके. अधिवक्ता कौशिक आनंद गुरु, हस्तक्षेपकर्ता श्री शतपथी की ओर से मामले को संभाल रहे थे. उच्च न्यायालय के फैसले के बाद संबलपुर नगर निगम चुनाव का रास्ता साफ हो गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

