Sambalpur News: आइआइएम संबलपुर में शनिवार को इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के उप-क्षेत्रीय सम्मेलन ‘सक्षम-2025’ के उद्घाटन सत्र को केंद्रीय मंत्री ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) समुदाय जितना सशक्त होगा, देश का व्यापार उतना ही समृद्ध होगा. सीए समुदाय को कृषि उत्पाद संगठनों (एफपीओ), स्ट्रीट वेंडर्स (ठेला व्यवसायी) और लखपति दीदी जैसी पहलों से जुड़ना चाहिए और ऐसे व्यवसायों को सहयोग करना चाहिए. जब इनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, तभी हमारा व्यवसाय भी आगे बढ़ेगा. यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही.
हमारे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहे हैं
उन्होंने पूरे देश से आए सीए पेशेवरों और अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि ‘सक्षम-प्रोफेशनल्स को सशक्त बनाना, प्रगति को सक्षम बनाना’ विषय पर यह सम्मेलन आयोजित किया गया है. श्री प्रधान ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की भूमिका बेहद अहम है. इन विशेषज्ञों की बदौलत ही भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और आने वाले समय में तीसरे स्थान पर पहुंचने की ओर अग्रसर है. इस यात्रा में सीए समुदाय की भूमिका निर्णायक रही है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने देश के वेल्थ क्रिएटर्स को सच्चा सम्मान दिया है, जिसमें हमारे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एक उत्प्रेरक की भूमिका निभा रहे हैं.
2036 तक 100 स्टार्टअप तैयार करने का है लक्ष्य
श्री प्रधान ने कहा कि हम 2036 तक ओडिशा में 100 स्टार्टअप तैयार करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. हर एक स्टार्टअप का औसतन मूल्य 100 करोड़ रुपये करने की योजना है. इसके लिए हमें एक मजबूत इकोसिस्टम और उद्यमशीलता का वातावरण तैयार करना होगा. उन्होंने कहा कि हमें आइडिया से इनोवेशन, इनोवेशन से टेक्नोलॉजी और फिर टेक्नोलॉजी से स्केल-अप की दिशा में प्राथमिकता देनी होगी. आज देश में 2.5 लाख से अधिक स्टार्टअप हैं, जिनका कुल मूल्य 40 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है और जो सात लाख से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं. युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए हमें नये अवसर और समान मंच प्रदान करने होंगे. पारंपरिक के साथ-साथ नये व्यवसायों को भी आगे लाना होगा.
संबलपुर को एक स्टार्टअप हब में बदलने की हैं पूरी संभावनाएं
श्री प्रधान ने कहा कि पश्चिम ओडिशा में अपार संभावनाएं हैं और इसका केंद्र बिंदु संबलपुर है. संबलपुर को एक स्टार्टअप हब में बदलने की पूरी संभावनाएं हैं. यहां टेक्सटाइल, गारमेंट्स, कृषि उत्पाद और डिजिटल प्रोजेक्ट्स जैसे क्षेत्रों में बेहतरीन अवसर मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि यदि सीए समुदाय इन अवसरों की पहचान कर सके, तो हमारे युवा और निवेशक सही दिशा में आगे बढ़ सकेंगे. यह कार्यशाला एसीएआइ को स्थानीय प्रतिभाओं की खोज में भी मददगार होगी. श्री प्रधान ने आइआइएम संबलपुर को आने वाले पांच वर्षों में एक हरित क्षेत्र (ग्रीन जोन) के रूप में विकसित करने का सुझाव भी दिया. उन्होंने कहा कि इसके लिए अभी से पौधरोपण और पर्यावरण संरक्षण पर सही कदम उठाने होंगे. संबलपुर को एक स्थायी, हरा-भरा और स्वच्छ शहर बनाना जरूरी है और इसकी शुरुआत छोटे-छोटे कदमों से की जा सकती है.
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