Jharsuguda News: झारसुगुड़ा जिले में एनएलसी के द्वारा स्थापित किये जाने वाले ताप विद्युत केंद्र के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद प्रशासन ने जल्दबाजी में गांवों को खाली करा दिया और लोगों को अधूरे बने आर एंड आर कॉलोनी में शिफ्ट कर दिया था. ग्रामीणों को छत वाले घर और सुव्यवस्थित कॉलोनी का सपना दिखाकर यहां लाया गया था. लेकिन, अभी दो साल भी नहीं हुए हैं और यह कॉलोनी और इसके घर में रह रहे लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. आलम यह है कि घरों की दीवारें फट गयी हैं और सीमेंट टूट कर गिरने से लोग घायल हो रहे हैं.
धक्का देने पर गिर रहीं दिवारें, मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी
मंगलवार को एक बच्चा खुले नाले में गिरकर घायल हो गया. लोगों का आरोप है कि आरएंडआर कॉलोनी में निम्न गुणवत्ता वाले घर बनाये गये हैं. काम की गुणवत्ता इतने निम्न स्तर की है कि कहीं-कहीं दीवारों को धक्का देने पर गिर जाती हैं. घरों के सामने नाले का निर्माण दो साल पहले किया जाना था, लेकिन कंपनी ने इन नालों पर ढक्कन या कवर नहीं लगाया है. कॉलोनी के अंदर सभी जगहों पर पक्की सड़कें नहीं बनायी गयी हैं और कई जगहों पर लोगों को मिट्टी और कीचड़ में चलना पड़ रहा है. इसे लेकर पीडी आरएंडआर विश्वकेसन पाणे ने कहा कि वे खुद कॉलोनी का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे.
संबलपुर : हीराकुद बांध के विस्थापितों को जमीन लौटाने पर विचार कर रही राज्य सरकार
ओडिशा सरकार हीराकुद बांध के निर्माण के लिए अधिग्रहित बसंतपुर अंचल की जमीन को मूल मालिकों को वापस करने पर विचार कर रही है. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया. बसंतपुर पंचायत के 6 राजस्व गांव की जमीन वापसी को लेकर चर्चा हुई. जल संपदा विभाग की मुख्य सचिव अनु गर्ग और वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे. बैठक में हीराकुद बांध के निर्माण के लिए अधिग्रहित जमीन को मूल मालिकों को वापस करने का प्रस्ताव पारित किया गया.बहुत सी जमीन बिना काम के पड़ी हुई है, जिसे अब उनके मालिकों को वापस करने का निर्णय लिया गया है. बसंतपुर अंचल के लोगों ने अपनी जमीन वापस पाने के लिए 8 दशक से संघर्ष कर रहे थे. राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने पहले ही घोषणा की थी कि हीराकुद बांध से प्रभावित लोगों को जमीन पट्टा दिया जायेगा. हाल ही में एक कार्यक्रम में 168 लाभार्थियों को जमीन पट्टे वितरित किये गये. सरकार का लक्ष्य पांच वर्षों में सभी प्रभावित परिवारों को जमीन का पट्टा प्रदान करना है. बसंतपुर अंचल में लोगों को अपनी जमीन वापस मिलने की उम्मीद बढ़ गयी है. पूर्व विधायक नाउरी नायक पिछले कई वर्षों से इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे थे और उन्होंने विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

