Bhubaneswar News: ओडिशा में बाढ़ की आशंका गहराने लगी है, क्योंकि रविवार को सुवर्णरेखा और वैतरणी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया. अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में राज्य को बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है.
24 घंटे में वैतरणी बेसिन में 42.57 मिमी बारिश दर्ज
जल संसाधन विभाग के प्रधान अभियंता चंद्रशेखर पाढ़ी ने बताया कि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में तेज वृद्धि हुई है. बीते 24 घंटों में केवल वैतरणी बेसिन में 42.57 मिमी बारिश दर्ज की गयी, जबकि अपर ब्राह्मणी में 35 मिमी और हीराकुद क्षेत्र में 31 मिमी वर्षा हुई. उन्होंने कहा कि क्योंझर और झारखंड क्षेत्र को शामिल करने वाले वैतरणी बेसिन में भारी बारिश हुई है. इसी प्रकार अपर ब्राह्मणी और हीराकुद में भी अच्छी बारिश दर्ज की गयी है. इसके चलते सुवर्णरेखा और वैतरणी नदियों में बाढ़ की संभावना प्रबल है.
वंशधारा और बूढ़ाबलंग नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा
रविवार सुबह 10 बजे तक वैतरणी नदी अखुआपदा में खतरे के निशान 18.33 मीटर को पार कर 18.61 मीटर पर बह रही थी. इसी प्रकार, सुवर्णरेखा नदी राजघाट में 10.36 मीटर के खतरे के स्तर के मुकाबले 10.85 मीटर पर दर्ज की गयी. वंशधारा और बूढ़ाबलंग नदियों का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए हीराकुद बांध के 12 गेट खोले गये हैं. हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि महानदी में फिलहाल बड़े स्तर की बाढ़ का खतरा नहीं है. स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और निचले क्षेत्रों को सतर्क रहने तथा प्रशासनिक निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गयी है.झारसुगुड़ा में तीन नदियों का जल स्तर बढ़ा, पूरा शहर पानी-पानी
झारसुगुड़ा जिले में गत चार दिनों से लगातार बारिश के कारण ईब, भेड़ेन और वसुंधरा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. ऊपरी क्षेत्र सुंदरगढ़ में भारी बारिश के कारण वसुंधरा नदी में बाढ़ का पानी बह रहा है. पानी की तेज धारा के कारण इस नदी के राजपुर पुल पर लोगों को आने-जाने में डर लग रहा है. इसी तरह ईब और भेड़ेन नदियों में भारी मात्रा में पानी आने के कारण इसके आसपास के कृषि क्षेत्र जलमग्न हैं. इस लगातार बारिश के कारण झारसुगुड़ा नगर परिषद के वार्ड नंबर-6 अंतर्गत विभिन्न क्षेत्र, कृषि क्षेत्रों में बारिश का पानी एकताली, पुराना बस स्टैंड, रेलवे कॉलोनी क्षेत्रों में हो गया है. इससे जनजीवन प्रभावित हुआ है. कोई अन्य उपाय नहीं होने के कारण लोग पानी में घुसकर आने-जाने को विवश हैं. जिलाधीश कुणाल मोतिराम चव्हाण ने कहा है कि हीराकुद बांध के कुछ गेट खोले जाने के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ा है. हालांकि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर जिला प्रशासन उसका सामना करने के लिए तैयार है…डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

