Rourkela News: उत्तर ओडिशा मजदूर संघ और बरसुआं टिपर मालिक संघ के संयुक्त प्रतिनिधित्व वाले मजदूर पिछले गुरुवार (31 जुलाई) से लहुणीपाड़ा ब्लॉक अंतर्गत भुतुड़ा पंचायत स्थित ओएमसी कुर्मित्तर (खंडाधार) लौह खदान के सामने धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. खदान में काम और वाहनों में लोडिंग की मांग को लेकर वे प्रदर्शन कर रहे हैं. बुधवार को धरना जारी रहा. ओएमसी अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को सूचित किया है कि उनकी मांगों से शीर्षस्थ अधिकारियों को अवगत कराया गया है. ऊपर से निर्णय आने पर उन्हें सूचित किया जायेगा.
कई मजदूरों के घरों में नहीं जल रहा चूल्हा
उल्लेखनीय है कि बरसुआं और आसपास के इलाकों में ओएमसी, कुर्मित्तर (खंडाधार) लौह अयस्क खदानें डेढ़ महीने से ज्यादा समय से बंद हैं. खदान के बंद होने से परिवहन कार्य भी नहीं हो रहा है. नतीजतन उक्त खदान में काम करने वाले मजदूर अपने परिवार का भरण-पोषण नहीं कर पा रहे हैं. कई मजदूरों के घरों में चूल्हा भी नहीं जल रहा है. जबकि यह मजदूर इस खनन क्षेत्र में अपनी जमीन खोने के बाद लगभग ढाई दशकों से मजदूर के रूप में काम कर रहे हैं और बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहते हुए कठिनाइयों में रह रहे हैं. ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन (ओएमसी) द्वारा संचालित कुर्मितर (खंडाधार) खदान के विस्तार के लिए जनसुनवाई लगभग सात वर्षों से चल रही है और नियमित रूप से खनन नहीं किया जा रहा है. साथ ही जन सुनवाई के दौरान खनन अधिकारियों और प्रशासन द्वारा किये गये वादे आज तक पूरे नहीं हुए हैं.
मजदूरों को अन्य काम या फिर आधा वेतन देने की मांग
लगभग डेढ़ महीने से लोडिंग बंद होने के कारण मजदूर बैठे हुए हैं. मांग की जा रही है कि इन खदानों पर आश्रित श्रमिकों को खदान खुलने तक पेड़ लगाने, शाखाएं काटने, सफाई जैसे कामों में लगाया जाना चाहिए अन्यथा उन्हें आधा वेतन दिया जाना चाहिए. उत्तर ओडिशा श्रमिक संगठन के संगठन सचिव प्रसन्न कुमार नायक, महासचिव राजेश पति, सचिव सैमुअल टोपनो, अविनाश मुंडा, मार्टिन मुंडा और बरसुआं टिपर ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश चंद्र नायक, रमेश चंद्र स्वांई के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन जारी रखा गया है.
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