Bhubaneswar News: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को विभिन्न योजनाओं के तहत नियुक्त 13,000 से अधिक शिक्षकों की सेवाओं को नियमित करने की घोषणा की और कहा कि अगले तीन वर्षों में 45,000 और शिक्षकों की भर्ती की जायेगी. उन्होंने भुवनेश्वर में राज्य स्तरीय शिक्षक दिवस समारोह और मुख्यमंत्री शिक्षा पुरस्कार समारोह को संबोधित करते हुए ये घोषणाएं कीं.
15 महीनों में 20,000 शिक्षकों की हुई नियुक्ति
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल छोड़ने की दर को रोकने के लिए राज्य सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना को कक्षा 10वीं तक बढ़ा दिया है और माधो सिंह हाथ खर्च योजना भी शुरू की है, जिसके तहत कक्षा 9वीं और 11वीं में दाखिला लेने वाले अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों को पांच हजार रुपये की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है. राज्य सरकार ने यह योजना एक सर्वेक्षण के बाद शुरू की थी, जिसमें बताया गया था कि 24 प्रतिशत आदिवासी छात्र कक्षा 9वीं और 10वीं तक पहुंचने से पहले ही स्कूल छोड़ देते हैं. माझी ने कहा कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने पिछले 15 महीनों में विभिन्न योजनाओं के तहत 13,000 सहित लगभग 20,000 शिक्षकों की नियुक्ति की है और अगले तीन वर्षों में 45,000 अन्य शिक्षकों की भर्ती की जायेगी. माझी ने इस अवसर पर शिक्षा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले शिक्षकों और संस्थानों को सम्मानित भी किया.
झारसुगुड़ा को मिला मुख्यमंत्री शिक्षा पुरस्कार
मुख्यमंत्री शिक्षा पुरस्कार कार्यक्रम में शीर्ष स्थान प्राप्त करने के लिए झारसुगुड़ा जिले को तीन करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया गया, इसके बाद खुर्दा जिले को दो करोड़ रुपये और जगतसिंहपुर जिले को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया गया. कार्यक्रम में उपस्थित स्कूल एवं जन शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड ने समाज को आकार देने में शिक्षकों की भूमिका की प्रशंसा की तथा गुरु-शिष्य परंपरा की सराहना की. गोंड ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार शिक्षकों की मांगों के प्रति सहानुभूति रखती है. हमें उनके मुद्दों पर विचार करने के लिए कुछ समय दीजिए. दूसरी ओर, बीजू जनता दल (बीजद) विधायक शारदा जेना ने नये शिक्षकों को नियुक्ति नहीं देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की आलोचना की. जेना ने दावा किया कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति पिछले साल हुई बतायी जा रही है, वे वास्तव में पिछली बीजद सरकार के दौरान चयनित किये गये थे. इस सरकार ने अपनी ओर से किसी भी नये शिक्षक को नौकरी नहीं दी है.
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