Bhubaneswar News: इतिहास दर्पण के समान है, भविष्य का पथप्रदर्शक. एक जागरूक समाज इतिहास से शिक्षा लिये बिना आगे नहीं बढ़ सकता. हमें इतिहास से सीख लेनी चाहिए. हमें अपना इतिहास पढ़ना, समझना और कभी नहीं भूलना चाहिए. यह बातें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को भुवनेश्वर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में भाग लेते हुए कही.
लाखों भाई-बहन विस्थापित हुए, उन्होंने त्याग व बलिदान दिया
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 14 अगस्त 1947 को भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय नफरत और हिंसा के कारण लाखों भाई-बहन विस्थापित हुए और उन्होंने त्याग व बलिदान दिया. उस समय की राजनीति और कूटनीति के कारण ऐसी अविश्वसनीय घटनाएं घटीं. उस दौर के दृश्य, पीड़ा और घाव आज भी अनेक लोगों को घायल करते हैं. उसके दुष्परिणाम आज भी हम भुगत रहे हैं. उन्होंने बताया कि देश के कई सीमावर्ती क्षेत्रों के दौरे के दौरान उन्होंने उस दर्द की धड़कन को सुना और उसे महसूस करने का प्रयास किया. देश के विभाजन के समय अपनी जान गंवाने वालों को श्री प्रधान ने श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने आगे कहा कि जब हम स्वतंत्रता दिवस मना रहे होते हैं, तो इस दिन को केवल उत्सव के रूप में नहीं, बल्कि उस समय त्याग व बलिदान देने वाले तथा क्षति सहने वाले पूर्वजों को स्मरण करने के अवसर के रूप में देखना चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने की थी विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की घोषणा
हमारे विभाजन विभीषिका की स्मृति को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. भारत के प्रत्येक नागरिक को इस विभाजन की कथा को भूलना नहीं चाहिए. इससे शिक्षा लेकर और भारत पर पड़े इसके प्रभाव को समझकर ही हम आगे बढ़ सकते हैं, तभी हमारे देश की स्वतंत्रता स्थायी बनी रहेगी और विकसित भारत का मार्ग भी प्रशस्त होगा. श्री प्रधान ने भुवनेश्वर के मास्टर कैंटीन, नंबर-1 मार्केट, नरूला कपड़ा दुकान, हंस परिवार की आभूषण की दुकान के इतिहास को जानने के लिए भी युवाओं से आह्वान किया. इस कार्यक्रम में ओडिशा के राज्यपाल डॉ हरिबाबू कंभमपति, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. कार्यक्रम में देश के विभाजन के समय विस्थापित हुए व्यक्तियों को राज्यपाल ने सम्मानित किया.
राष्ट्र की एकता, शांति और सद्भाव बनाये रखने का लें संकल्प : राज्यपाल
ओडिशा के राज्यपाल डॉ हरिबाबू कंभमपति ने कहा कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर हम 1947 के विभाजन की भयावहता झेलने वाले लाखों लोगों के दर्द, त्याग और अदम्य साहस को स्मरण करते हैं. आइये, हम अपने राष्ट्र की एकता, शांति और सद्भाव बनाये रखने का संकल्प लें. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि आज का यह दिवस केवल विभाजन और विस्थापन के समय की स्मृतियों को संजोने का अवसर नहीं, बल्कि भविष्य को सुरक्षित बनाने का संकल्प है. विभाजन ने हमें एक महत्वपूर्ण शिक्षा दी है कि सीमाएं देश को बांट सकती हैं, मन को नहीं.
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