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Rourkela News:राजगांगपुर में कन्वेयर बेल्ट पुल ढहने के मामले में सीमू ने डीसीबीएल के इडी व नपा इओ को बताया दोषी, कार्रवाई की मांग

Rourkela News: सीमू के प्रतिनिधियों ने डीसीबीएल के इडी व नपा इओ पर कार्रवाई की मांग की है.

Rourkela News: राजगांगपुर आइटी कॉलोनी के नजदीक मुख्य मार्ग पर मंगलवार को डालमिया सीमेंट का कन्वेयर बेल्ट पुल ढहने के मामले में सुंदरगढ़ इंडस्ट्रियल मजदूर यूनियन (सीमू) की ओर से कारखाना के कार्यकारी निदेशक (इडी) तथा राजगांगपुर नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी (इओ) को दोषी बताते हुए उनपर कार्रवाई की मांग की गयी है. गुरुवार को सीमू के महासचिव जहांगीर अली की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने राजगांगपुर थाना प्रभारी मनोरंजन प्रधान से मुलाकात कर लिखित शिकायत की है. जहांगीर अली ने इस तरह मुख्य मार्ग पर ओवर हेड पुल का निर्माण करने के लिए कंपनी तथा इसके निर्माण की अनुमति देने के लिए नगरपालिका अधिकारी को दोषी बताया है. साथ ही इसके रखरखाव में कमी के कारण 26 तारीख को हादसा होने का आरोप भी सीमू की ओर से लगाया गया है. हालांकि, उनकी शिकायत पर अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया है. जिलापाल के निर्देश पर विभिन्न विभागों द्वारा जांच की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. उसके बाद ही लिखित शिकायत पर कोई कदम उठाये जाने की बात सामने आयी है.

राजगांगपुर विधायक ने विधानसभा में उठाया मुद्दा

राजगांगपुर विधायक ने भी विधानसभा में इस मामले की उठाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. सीमू सहित और भी कई संस्थाओं द्वारा इसी तरह के आरोप लगाये गये हैं तथा इस रास्ते पर बने अन्य दो पुलों को हटाने की मांग की जा रही है. हैरत की बात यह है कि करीब 13 सालों से यहां ओवर हेड कन्वेयर बेल्ट पुल बनकर कार्यक्षम हैं, लेकिन आज तक किसी ने इस पर कोई प्रश्न चिह्न नहीं लगाया. अब इस हादसे के बात इस पर सवाल खड़ा करना कितना सही है, इसे लेकर तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं.

बिरमित्रपुर : बकाया वेतन व अन्य मांगों को लेकर बीएसएल कंपनी में श्रमिकों ने काटा बवाल

बिरमित्रपुर स्थित बीएससएल कंपनी के श्रमिकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को कंपनी के मुख्य कार्यालय का घेराव किया. बिरमित्रपुर मजदूर मंच, गांगपुर लेबर यूनियन तथा खनि मजदूर संघ के बैनर तले प्रदर्शन के दौरान मजदूरों ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारे लगाये. मजदूर नेता साजिद अहमद ने बताया कि पिछले 15 महीने का वेतन आज तक नहीं दिया गया है. 2012 से वेतन संशोधन नहीं किया गया है और न ही श्रमिकों को अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. जबकि कंपनी अच्छा व्यापार कर रही है. उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी चूना पत्थर कंपनी मजदूरों को बहुत कम वेतन दे रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रबंधन ने द्वारशानी माइंस से पानी निकलने के नाम पर 1.5 करोड़ रुपये खर्च किये. लेकिन आज भी माइंस पानी में डूबी हुई हैं. इसकी जांच कर दोषियों को दंड दिये जाने की मांग उन्होंने की.

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