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Rourkela News: राउरकेला को रेल डिवीजन की सौगात मिलने का है इंतजार, भाजपा की डबल इंजन सरकार पर टिकीं शहरवासियों की निगाहें

Rourkela News: राउरकेला रेलवे डिवीजन बनाने की मांग लंबे समय से हो रही है, लेकिन रेलवे प्रबंधन की ओर से कोई प्रभावी पहल नहीं हुई है.

Rourkela News: राउरकेला को एक अलग रेलवे डिवीजन बनाने और ईस्ट कोस्ट रेलवे के तहत लाने की मांग लंबे समय से हो रही है, लेकिन रेलवे प्रबंधन की ओर से अभी तक इस दिशा में कोई प्रभावी पहल नहीं की गयी है. शहर के विभिन्न रेलवे एसोसिएशन राउरकेला को चक्रधरपुर डिवीजन से अलग कर अलग डिवीजन बनाने की मांग लगातार कर रहे हैं. वर्तमान राज्य में भाजपा की डबल इंजन सरकार है. साथ ही इस सरकार में सुंदरगढ़ जिले के बणई उप-जिलापाल के रूप में कार्य कर चुके अश्विनी वैष्णव अब केंद्रीय रेल मंत्री हैं. इसलिए जिले के लोगों को बहुत उम्मीद है कि जिले में राउरकेला काे रेलवे डिवीजन बनाने की मांग उनके कार्यकाल के दौरान पूरी की जायेगी.

रेल डिवीजन बनाने के लिए मौजूद हैं बुनियादी संरचनाएं

वहीं इसके लिए बुनियादी संरचना भी राउरकेला के बंडामुंडा में है. यहां एआरएम कार्यालय है. मजदूरों और कर्मचारियों के लिए जरूरी सैकड़ों रेलवे क्वार्टर भी खाली पड़े हैं. यहां एक विशेष रेलवे अस्पताल है. इन सबको देखते हुए राउरकेला को अलग डिवीजन बनाने में कोई दिक्कत नहीं है. केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा सरकार होने से अलग डिवीजन गठन की कोई समस्या नहीं होगी.

ओडिशा के पांच जिलों से आता है चक्रधरपुर मंडल का 70 फीसदी राजस्व

राउरकेला को अलग रेलवे डिवीजन की मांग 1980 से ही विभिन्न संगठनों द्वारा की जा रही है. वर्तमान चक्रधरपुर, खड़गपुर, आद्रा और रांची डिवीजन दक्षिण पूर्व रेलवे के अंतर्गत हैं. इसमें ओडिशा के अंतर्गत बालेश्वर, मयूरभंज, क्योंझर, सुंदरगढ़ और झारसुगुड़ा आते है. हर साल दक्षिण-पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल से एकत्रित राजस्व का 70 फीसदी ओडिशा के इन पांच जिलों से एकत्र किया जाता है. चक्रधरपुर रेलवे मंडल अंतर्गत राउरकेला समेत सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा और क्योंझर जिले के कई इलाके हैं. एक डिवीजन सालाना 10 हजार 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का कलेक्शन कर रहा है, जिसका 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सा ओडिशा के इन तीन जिलों से जा रहा है. इसलिए चक्रधरपुर से सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा व क्योंझर जिले को अलग कर राउरकेला में अलग डिवीजन बनाने का औचित्य है.

राजस्व की कमी की हो सकेगी भरपाई

सचेतन नागरिक मंच, राउरकेला के अध्यक्ष विमल बिसी ने कहा कि ईस्ट कोस्ट रेलवे से वालटियर डिवीजन को अलग करने का निर्णय वर्तमान लिया गया है. जिससे इस रेलवे जोन के राजस्व में कमी आयेगी. राउरकेला को अलग रेल डिवीजन बनाकर ईस्ट कोस्ट रेलवे में शामिल करने से इस राजस्व की कमी की भरपाई की जा सकती है. इसके प्रति भाजपा की डबल इंजन सरकार को ध्यान देना चाहिए तथा जल्द से जल्द प्रभावी पहल करनी चाहिए.

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Prabhat Khabar News Desk
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