Rourkela News: ओडिशा राजस्व अमला संघ के आह्वान पर राज्य भर में राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने सोमवार से बेमियादी सामूहिक अवकाश ले लिया है. इसका असर सुंदरगढ़ जिला में भी देखा गया. इसमें जिले के तीनों अनुमंडल पानपोष, सुंदरगढ़ सदर व बणई के 480 कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश लेने के साथ अपनी मांगों के समर्थन में तीनों उप-जिलापाल कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया.
पानपोष उप जिलापाल कार्यालय के सामने दिया धरना
पानपोष अनुमंडल के राजस्व कर्मचारियों की ओर से पानपोष उप-जिलापाल कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया. इस आंदोलन में संघ से जुड़े भेसज साहू, ज्योति प्रकाश शतपथी, सुरेंद्र स्वांई, मनोरंजन दास समेत राजस्व विभाग के सभी कर्मचारी शामिल रहे. मांगें पूरी नहीं होने तक यह बेमियादी आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया है.
इन मांगों को लेकर किया जा रहा प्रदर्शन
संघ की 10 सूत्री मांगों में सभी राजस्व मिनिस्ट्रीयल एम्पलाइज का मूल वेतन मान ओआरएसपी 2017 रूल के लेवल नौ के आधार पर तय करने, सभी जिलापालों द्वारा नये पद सृजित करने और कैडर पुनर्गठन सुझाव को लागू करने, सभी लिपिकों का 20 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस करने, 2020 की पुनर्वास स्कीम को रद्द कर दिवंगत लिपिकों के परिजनों को योग्यता के आधार पर 1990 के नियमों के आधार पर नौकरी देने, डिस्ट्रिक्ट कैडर रेवेन्यू एम्पलाइ को ओडिशा रेवेन्यू सर्विस में शत-प्रतिशत प्रमोशन देने, नयी पेंशन स्कीम के स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने, जूनियर से सीनियर प्रमोशन के लिए रेसीडेंसी पीरियड चार साल करने, सेक्शन ऑफिसर प्रमोशन के लिए भी चार साल रेसीडेंसी पीरियड करने, तहसील कार्यालय में काम करने वाले लिपिकों का रेवेन्यू केस के आधार पर यूजर आइडी तैयार करने, नये लिपिकों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इंडक्शन ट्रेनिंग देने की मांग शामिल है.
बणई अनुमंडल : धरना में 90 से अधिक कर्मचारी हुए शामिल
ओडिशा राजस्व कर्मचारी संघ की जिला स्तर पर कार्यरत सभी राजस्व अधिकारियों को मूल वेतनमान नौ के अनुसार वेतन देने समेत 10 सूत्री मांग लंबे समय से संघ द्वारा की जा रही थी. लेकिन मांगें पूरी नहीं होने के कारण अब संघ ने अंतिम निर्णय लिया है. यानी 2017 से पहले राजस्व कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक थी और उसी के अनुसार वेतन दिया जा रहा था. सरकार ने 2017 में शैक्षणिक योग्यता बढ़ाकर स्नातक कर दी. अब तक कर्मचारियों को उनकी पिछली योग्यता के अनुसार वेतन मिल रहा था और वे स्नातक वेतनमान के अनुसार वेतन दिये जाने की मांग लंबे समय से कर रहे थे. पिछली सरकार ने इसे वाजिब बताते हुए मांगों को पूरा करने का वादा किया था. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बणई उपजिलापाल कार्यालय, बणई, गुरुंडिया, लहुणीपाड़ा और कोइडा प्रखंड कार्यालयों, आइसीडीएस कार्यालयों, तहसील कार्यालयों, आदिवासी विकास एजेंसियों सहित चार प्रखंडों में कार्यरत राजस्व कर्मचारियों के अनुपस्थित रहने से कार्यालय में सेवाएं पूरी तरह से ठप पड़ गयीं. संघ ने आम जनता को हुई असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है और सहयोग की मांग की है. इस धरना में अनुमंडल के 90 से अधिक कर्मचारी शामिल रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

