Rourkela News: पानपोष से ब्राह्मणी नदी का जल उठाकर 316 महिलाओं ने सोमवार को कलश यात्रा निकाली. पानपोष से उदितनगर मंदिर तक यह कलश यात्रा निकली. जिसमें अलग-अलग तरह की झांकी आकर्षण का केंद्र थी. कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं का जगह-जगह स्वागत किया गया और उनपर पुष्प वर्षा की गयी. इस दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस भी तैनात थी.
पुरी से आये पंडितों ने करायी पूजा-अर्चना
कलश यात्रा में भगवान के वेष में बच्चे शामिल हुए. उनका श्रद्धालुओं ने जगह-जगह स्वागत किया. श्रद्धालुओं के बीच शरबत और पानी का वितरण किया गया. उदितनगर स्थित नवनिर्मित श्री जगन्नाथ मंदिर के चार दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह का सोमवार को दूसरा दिन था. कलश यात्रा पहुंचने के बाद पुरी से आये 10 पंडितों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना करायी. वहीं रविवार रात तक कार्यक्रम चला. सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम में भाग लिया.
30 अप्रैल को महाप्रभु मंदिर में करेंगे प्रवेश
पवित्र अक्षय तृतीया के अवसर पर 30 अप्रैल को महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश करेंगे. पुरी धाम के महाराज तथा महाप्रभु के प्रथम सेवक श्री दिव्यसिंह देव के करकमलों द्वारा समस्त देवताओं की स्थापना की जायेगी. साथ ही साधु, संन्यासी, महंत एवं श्रीधाम पुरी मंदिर के श्री ठाकुर जी के पुजारी ने इस धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने की सहमति प्रदान की है. इससे पहले चार दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान से उदितनगर क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो उठा है.
चार करोड़ की लागत से तैयार हुआ है मंदिर
उदितनगर स्थित महाप्रभु जगन्नाथ का नया व भव्य मंदिर 89 फीट ऊंचा मंदिर करीब चार करोड़ की लागत से बनाया गया है. इसका निर्माण 10 हजार स्क्वायर फीट में किया गया है. आगामी दिनों में यह मंदिर पश्चिमी ओडिशा के दर्शनीय पर्यटन स्थलों में से एक होगा. नवनिर्मित मंदिर में महाप्रभु चतुर्द्धामूर्ति तथा माता महालक्ष्मी मंदिर, माता विमला मंदिर, श्री राधाकृष्ण मंदिर, श्री सीताराम मंदिर, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, श्री पतितपावन मंदिर, श्री गणेश मंदिर का भी निर्माण किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है