Bhubaneswar News: नयी दिल्ली में शनिवार को ‘पल्लीबाणी मिशन’ की ओर से आयोजित भारतीय पत्रकारिता पुरस्कार-2025 एवं ओडिशा पत्रकारिता पुरस्कार-2025 समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पत्रकार केवल राजनीति और अपराध की घटनाओं तक सीमित न रहकर समाज की गहरायी, परंपरा और बौद्धिक क्षमता को उजागर करें.
ओड़िया विज्ञानसम्मत भाषा, मिली है शास्त्रीय मान्यता
प्रधान ने कहा कि ओड़िया विज्ञानसम्मत भाषा है, जिसे शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है. वर्ष 1936 में ओडिशा देश का पहला भाषावार प्रांत बना था. वर्ष 2036 में राज्य के गठन के 100 वर्ष पूरे होंगे. उन्होंने कहा कि ओडिया समाज का सबसे बड़ा परिचय भगवान श्रीजगन्नाथ हैं और इसे लेकर किसी के मन में कोई द्वंद्व नहीं है. प्रधान ने कहा कि केवल राजनीति, अपराध और विवादित मुद्दों पर बहस करने की बजाय समाज की परंपरा, खाद्य संस्कृति और गौरवशाली इतिहास पर भी चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कलिंग युद्ध ने सम्राट अशोक को चंडाशोक से धर्माशोक बना दिया, जो ओडिशा के सामूहिक एकजुटता और इच्छाशक्ति का प्रतीक है. उन्होंने ओड़िया समाज से आह्वान किया कि वे ओडिशा के गौरव और सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय विमर्श में और अधिक मजबूती से स्थापित करें.
संग्राम षाड़ंगी, सत्यसुंदर बारिक और रत्नाकर भोई को मिला ओडिशा पत्रकारिता पुरस्कार
पुरस्कार समारोह में आज तक के संपादक संजीव पालियोवाल, हिंदुस्तान के संपादक प्रताप सोमवंशी और लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी को भारतीय पत्रकारिता पुरस्कार-2025 से सम्मानित किया गया. वहीं, ओडिशा के आर्गस डिजिटल के संपादक संग्राम के षाड़ंगी, द हिंदू के विशेष संवाददाता सत्यसुंदर बारिक और दैनिक संवाद के पत्रकार रत्नाकर भोई को ओडिशा पत्रकारिता पुरस्कार-2025 प्रदान किया गया. कार्यक्रम में योगगुरु बाबा रामदेव, न्यू इंडियन एक्सप्रेस की समूह संपादक सांत्वनना भट्टाचार्य और पल्लीबाणी मिशन के चेयरमैन रामचंद्र नाथ सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे. इस अवसर पर ‘पल्लीबाणी मिशन’ की एक विशेष पत्रिका का लोकार्पण भी किया गया.
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