भुवनेश्वर. ओडिशा पुलिस ने गुरुवार को भुवनेश्वर स्थित पुलिस भवन में रेल और तटीय सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से पुलिस अधिकारियों के लिए एकदिवसीय कौशल विकास कार्यशाला आयोजित की. कार्यशाला का उद्घाटन ओडिशा पुलिस के महानिदेशक योगेश बहादुर खुरानिया ने किया. कार्यशाला में अधिकारियों की व्यावसायिक दक्षता, कार्यकुशलता, रेल और तटीय सुरक्षा की चुनौतियां, अपराध जांच में तकनीकी ज्ञान की भूमिका, साइबर अपराध, आधुनिक जांच पद्धतियां और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गयी.
डीजीपी खुरानिया ने कहा कि ओडिशा पुलिस अपने मानव संसाधन, आधुनिक प्रौद्योगिकी और कार्यशैली में निरंतर सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रभावी पुलिस सेवा के लिए कर्मियों में व्यावसायिक दक्षता, समय पर तैयारी और समन्वय होना आवश्यक है. ओडिशा का लंबा समुद्रतट राज्य की तटीय सुरक्षा के लिए बेहद संवेदनशील है. राज्य सरकार ने इस सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ₹149.95 करोड़ की राशि स्वीकृत की है. तटीय सुरक्षा के लिए 10 अत्याधुनिक ड्रोन, 3 ट्रॉलर और 140 विशेष पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की गयी है. साथ ही, शीघ्र ही रियल-टाइम निगरानी के लिए एक आधुनिक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य के 32 मछली पकड़ने वाले बंदरगाहों और फिशिंग हार्बरों को सीसीटीवी निगरानी प्रणाली से जोड़ने का कार्य प्रगति पर है, जबकि नयी नौकाओं की खरीद प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. डीजीपी ने कहा कि रेल पुलिस को अधिक आधुनिक बनाने के लिए नये रेल पुलिस जिले और जीपीआरएस इकाइयों की स्थापना की प्रक्रिया जारी है. इसके अलावा, राज्य के सभी 15 जीपीआरएस केंद्रों में सीसीटीवी मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए भी बजट स्वीकृत किया गया है. कार्यशाला में डॉ केशव कुमार (सेवानिवृत्त डीजीपी, गुजरात) ने अपराध जांच में फोरेंसिक ज्ञान और कौशल के उपयोग विषय पर प्रस्तुति दी और अपने अनुभव साझा किए. इसके अलावा, भारतीय कोस्ट गार्ड के कमांडेंट रवींद्र कुमार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा कानूनों पर विस्तृत प्रस्तुति दी.
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