24.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लेटेस्ट वीडियो

Bhubaneswar News: नेपाली छात्रा को मिलेगा न्याय, कैंपस में जल्द ही बहाल होगी शांति : मोहन माझी

Advertisement

Bhubaneswar News: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने नेपाली छात्रों से केआइआइटी लौटने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि छात्रा को न्याय मिलेगा.

Audio Book

ऑडियो सुनें

Advertisement

Bhubaneswar News: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बुधवार को कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआइआइटी) के नेपाली छात्रों से यहां परिसर में लौटने और पढ़ाई फिर से शुरू करने का आग्रह करते हुए आश्वासन दिया कि जल्द ही शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो जायेगी. पड़ोसी देश की छात्रा प्रकृति लाम्साल का शव रविवार को उसके छात्रावास के कमरे की छत से लटका मिलने के बाद विरोध-प्रदर्शन हुए थे. इसके बाद सोमवार को केआइआइटी के लगभग 1,000 नेपाली छात्रों को संस्थान के अधिकारियों ने निलंबन नोटिस जारी किया और तुरंत परिसर छोड़ने के लिए कहा. हालांकि, केंद्र और राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद केआइआइटी के अधिकारियों ने माफी मांगी और नेपाली छात्रों से परिसर में लौटने का अनुरोध किया.

नेपाल के अधिकारियों से सीएम ने फोन पर की बात

मुख्यमंत्री माझी, जो वर्तमान में राजस्थान में हैं, ने नेपाल के अधिकारियों संजीव दास शर्मा और नवीन राज अधिकारी के साथ फोन पर बात की. इन अधिकारियों ने ओडिशा के संसदीय कार्य मंत्री मुकेश महालिंग और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज के साथ यहां राज्य अतिथि गृह में मौजूदा हालात पर बैठक की. इस दौरान मुख्य सचिव मनोज आहूजा भी उपस्थित थे. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें यह भी आश्वासन दिया कि मृतक केआइआइटी छात्रा प्रकृति लाम्साल के मामले में न्याय होगा. इसके अलावा, नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा ने भी इस मुद्दे पर ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज से फोन पर बात की. ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने नेपाली काउंसलर संजीव दास शर्मा और नवीन राज अधिकारी से बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि मृतक छात्रा प्रकृति के मामले में न्याय किया जाएगा. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि केआइआइटी परिसर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल की जाएगी. मुख्यमंत्री ने नेपाली छात्रों से परिसर में लौटने और अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने का आग्रह किया.

डरे हुए हैं नेपाली छात्र, केआइआइटी लौटने से हिचकिचा रहे

केआइआइटी में नेपाली छात्रा प्रकृति लाम्साल की कथित आत्महत्या के बाद के घटनाक्रम से नेपाली छात्र डरे हुए हैं और परिसर लौटने से हिचकिचा रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद केआइआइटी प्रशासन ने माफी मांगी और छात्रों से परिसर में लौटने का अनुरोध किया. प्रशासन द्वारा छात्रों को जबरन बाहर निकालने और कटक रेलवे स्टेशन पर छोड़ देने की घटना ने उनमें भय पैदा कर दिया है. सूत्रों ने कहा कि अधिकांश नेपाली छात्र अपने घरों को लौट आए हैं. राज्य सरकार और केआइआइटी प्राधिकारियों ने अब तक परिसर में लौटे छात्रों की संख्या के बारे में जानकारी साझा नहीं की है. राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनायी है, जिसका नेतृत्व गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कर रहे हैं. इस बीच, छात्रों, युवाओं और विभिन्न राजनीतिक संगठनों ने परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन जारी रखा. ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा कि 100 नेपाली छात्र वर्तमान में परिसर में हैं और लगभग 800 छात्र अन्य स्थानों पर हैं.

हमें जबरदस्ती हॉस्टल से निकाला गया : छात्रा

नेपाल की छात्रा प्रीति ने पत्रकारों से कहा कि हमें जबरदस्ती हॉस्टल से निकाला गया, जबकि हमारी कोई गलती नहीं थी. केआइआइटी प्राधिकारियों ने प्रकृति की पिछली दलीलों (उसके पूर्व प्रेमी द्वारा कथित ब्लैकमेल पर) को नजरअंदाज कर दिया था. प्रकृति ने हताशा के कारण आत्महत्या कर ली. उसकी मौत से नेपाल के छात्र आक्रोशित थे. प्रीति ने कहा कि हमें जबरन बस में ले जाया गया और रेलवे स्टेशन के पास एक ऐसी जगह पर छोड़ दिया गया, जहां कोई दुकान या पानी नहीं था. हमारी गलती क्या थी? अब वे (डीन और केआइआइटी के अन्य अधिकारी) प्यार से हमें लौटने के लिए कह रहे हैं. क्या कोई उन पर विश्वास कर सकता है?

गिरफ्तार निदेशक समेत पांच अधिकारियों को जमानत

संस्थान के निदेशक समेत पांच अधिकारियों को छात्रों को प्रताड़ित करने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया. बाद में, उन्हें जमानत मिल गयी. छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में 21 वर्षीय केआइआइटी छात्र को पहले ही गिरफ्तार किया गया था. सूत्रों ने बताया कि नेपाली छात्रा का शव बुधवार को नेपाल भेजा गया. उनके पिता सुनील लाम्साल और परिवार के अन्य सदस्य बीते दो दिनों से भुवनेश्वर में हैं.

नेपाल के विदेश मंत्री देउबा ने ओडिशा के शिक्षा मंत्री से की बात

नेपाल के विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने बुधवार को ओडिशा के शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज से नेपाली छात्रा की मौत की निष्पक्ष जांच की व्यवस्था करने और दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का अनुरोध किया. विदेश मंत्री के सचिवालय के एक बयान के अनुसार, टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान, देउबा ने सूरज से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि ओडिशा के विश्वविद्यालय में अन्य नेपाली छात्रों के लिए सुरक्षित वातावरण में कक्षाएं फिर से शुरू हों. देउबा से बातचीत के दौरान सूर्यवंशी ने बताया कि ओडिशा सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है और लम्साल को न्याय और दोषी को सजा दिलाने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की गयी है. बयान में कहा गया है कि उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि छात्रावास में नेपाली छात्रों की सुरक्षा और पढ़ाई फिर से शुरू कराने के लिए व्यवस्था की गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

Advertisement

अन्य खबरें

Advertisement
Advertisement
ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snaps News reels