Rourkela News: एनआइटी राउरकेला भारत के उभरते सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान दे रहा है. इसके दो एकीकृत सर्किट (आइसी) डिजाइन प्रतिष्ठित सेमीकॉन इंडिया 2025 में प्रदर्शित किये गये, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यशोभूमि, नयी दिल्ली में किया, जो वैश्विक सेमीकंडक्टर पावरहाउस बनने की दिशा में भारत की निर्णायक छलांग का संकेत है.
सेमीकॉन इंडिया 2025 में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया
कार्यक्रम के दौरान एनआइटी राउरकेला के दो एकीकृत सर्किट डिजाइनों को भारत के पहले पूर्ण स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर, विक्रम-32 के स्मारक स्मृति चिह्न के स्वरूप में प्रदर्शित किया गया, जिसे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट किया. ये सेमीकंडक्टर एनआइटी राउरकेला की भागीदारी के दौरान बनाये गये थे. चिप-टू- स्टार्टअप (सी2एस) कार्यक्रम, जिसे 2023 में एमइआइटीवाइ द्वारा स्वीकृत किया गया था और जिसका नेतृत्व प्रमुख अन्वेषक (पीआइ) प्रो कमलाकांत महापात्र और सह-पीआइ प्रो अयसकांत स्वांई कर रहे हैं. सी2एस पहल वीएलएसआइ और सिस्टम-स्तरीय डिजाइन में व्यापक शोध को सक्षम बनाती है. पांच वर्षों में इस परियोजना का उद्देश्य एसओसी और सिस्टम डिजाइन में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तरों पर कुशल मानव संसाधन विकसित करना है, जो भारत के सेमीकंडक्टर प्रतिभा पूल और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों में प्रत्यक्ष योगदान है.
ये दो आइसी हैं शामिल
1.) प्रेजेंट एन्क्रिप्शन कोर आइसी (सी2एस0017) : एक हल्का ब्लॉक साइफर, जो संसाधन-सीमित वातावरण को लक्षित करता है, जो आइओटी, आरएफआइडी, ई-भुगतान, स्वास्थ्य सेवा और सेंसर नेटवर्क सुरक्षा के लिए आदर्श है. इसे डॉ रूबी मिश्रा, भरत पाटीदार, प्रो अयसकांत स्वांई और प्रो केके महापात्र द्वारा विकसित किया गया है.
2.) वीजीए एम्पलीफायर सेंसर सर्किट आइसी (सी2एस0018) : बायोमेडिकल और आइओटी अनुप्रयोगों के लिए डिजाइन किया गया, यह आइसी एक्सेलेरोमीटर कनेक्टिविटी, ओटीए (ऑपरेशनल ट्रांसकंडक्टेंस एम्पलीफायर) घटकों और ऊर्जा संचयन तंत्रों के साथ एक कैपेसिटिव इंटरफेस को एकीकृत करता है. इसे इप्सिता, समीक्षा, प्रेम साई, प्रो सौगत कुमार कर और प्रो सुदीप कुंडू द्वारा डिजाइन किया गया है.आत्मनिर्भर भारत की ओर हमारी यात्रा को करता है मजबूत
संकाय और सह-पीआइ (चिप-टू-स्टार्टअप कार्यक्रम) प्रो अयसकांत स्वांई ने कहा कि मुझे वास्तव में खुशी है कि हमारे दोनों डिजाइन सेमीकॉन इंडिया-2025 में नरेंद्र मोदी जी को प्रस्तुत किये गये. यह मान्यता हमें भारत और ओडिशा में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में और अधिक मेहनत करने और योगदान करने के लिए प्रेरित करती है. यह औद्योगिक और सामाजिक दोनों अनुप्रयोगों के लिए स्वदेशी आइसी डिजाइनों को सक्षम बनाकर आत्मनिर्भर भारत की ओर हमारी यात्रा को मजबूत करता है.एनआइटी राउरकेला के लिए गर्व का क्षण
डिजाइन सी2एस0018 के संकाय और टीम सदस्य प्रो सौगत कुमार कर ने कहा कि हमारे आइसी डिजाइनों के साथ सेमीकॉन इंडिया-2025 का हिस्सा बनना एनआइटी राउरकेला के लिए गर्व का क्षण है. ये उपलब्धियां सेमीकंडक्टर डिजाइन में स्वदेशी क्षमताओं के निर्माण और भारत के तेजी से विकसित हो रहे चिप उद्योग के लिए एक कुशल कार्यबल तैयार करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं. हम ओडिशा को देश के सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करने के लिए दृढ़ हैं.वास्तविक दुनिया की आइसी डिजाइन चुनौतियों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ
पीएचडी छात्र (डिजाइन सी2एस0017) भरत पाटीदार ने कहा कि मैं एनआइटी राउरकेला को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे एक आइसी डिजाइन करने का अवसर दिया, जिससे मुझे वास्तविक दुनिया की आइसी डिजाइन चुनौतियों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ. ओडिशा में सेमीकंडक्टर क्षेत्र के अनुमानित विकास के साथ, कुशल स्नातक आइसी डिजाइन, निर्माण और निर्माण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

