Bhubaneswar News: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व ओडिशा के अन्य सांसदों ने राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर गुरुवार को ओडिशा के पारंपरिक हथकरघा वस्त्र धारण कर संसद की कार्यवाही में हिस्सा लिया और इस पर गर्व व्यक्त किया. इस मौके पर उन्होंने ओडिशा सहित देश की समृद्ध हथकरघा परंपरा पर गौरव व्यक्त करते हुए बुनकरों को सशक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया.
देश की बुनायी परंपरा की रक्षा कर रहे हैं हमारे बुनकर
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस की शुभकामनाएं देते हुए श्री प्रधान ने कहा कि ओडिशा के हथकरघा वस्त्र कालजयी सौंदर्य और परंपरा के प्रतीक हैं. ये केवल वस्त्र नहीं, बल्कि ओडिशा की सांस्कृतिक भावना के अभिन्न अंग हैं. उन्होंने कहा कि ओडिशा के सहयोगी और दलगत सांसदों के साथ इस समृद्ध बुनायी परंपरा को गर्व के साथ मनाना उनके लिए एक सुखद अनुभव रहा. उन्होंने कहा कि प्रत्येक बुनाई परंपरा सांस्कृतिक विरासत, शिल्प कौशल और कलात्मक अभिव्यक्ति का संगम है. हमारे बुनकर न केवल देश की बुनायी परंपरा की रक्षा कर रहे हैं, बल्कि अपनी दक्षता और नवाचार से इस क्षेत्र में बदलाव भी ला रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत विविध हथकरघा परंपराओं का घर है. कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से किबिथू तक, हमारे प्रत्येक वस्त्र हमारे सांस्कृतिक इतिहास, परंपराओं और विविधता के जीवंत प्रमाण हैं. संबलपुरी से लेकर इकत तक, ओडिशा की हथकरघा परंपरा और शिल्पकला एक बेशकीमती खजाना है. उन्होंने देशभर के कारीगरों, कलाकारों और बुनकरों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे हमारे गौरवशाली हथकरघा विरासत को जीवित रखने का कार्य कर रहे हैं. श्री प्रधान ने सभी से अपील की कि हम न केवल आज, बल्कि हर दिन गर्व से हथकरघा पहनें और हर धागे में जीवन बुनने वाले बुनकरों को सशक्त करें.
राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस पर बुनकरों के योगदान को किया नमन
राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस के अवसर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुनकरों और शिल्पकारों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और भारत की समृद्ध हस्तकरघा परंपरा के संरक्षण और संवर्धन में उनके योगदान की सराहना की. मुख्यमंत्री मोहन माझी ने सोशल मीडिया के माध्यम से शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस के अवसर पर सभी बुनकर भाइयों और बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई. उन्होंने कहा कि ओडिशा की कला, संस्कृति और परंपराओं को विश्वपटल पर प्रस्तुत करने में बुनकरों की भूमिका सराहनीय है. मैं उनके अमूल्य योगदान के लिए उन्हें सम्मान और शुभकामनाएं देता हूं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी इस अवसर पर ट्वीट करते हुए कहा कि भारत विविध हस्तकरघा परंपराओं का धनी देश है. संबलपुरी से लेकर इकत तक, ओडिशा के हस्तकरघा शिल्प हमारी परंपरा और शिल्प कौशल का खजाना हैं. उन्होंने उन सभी शिल्पकारों, कारीगरों और बुनकरों को नमन किया, जो हर धागे में जीवन का स्पर्श देते हैं और आम नागरिकों से आग्रह किया कि वे हस्तकरघा वस्त्रों को गर्व के साथ पहनें और इस विरासत को जीवित रखने वाले समुदाय को सशक्त बनायें.
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