Rourkela News: राउरकेला एयरपोर्ट में अस्त-व्यस्त विमान सेवा से त्रस्त शहर के यात्रियों को जल्द ही राहत मिलने की उम्मीद है. साथ ही इस्पात बाजार की गला काट स्पर्धा में अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए राउरकेला स्टील प्लांट (आरएसपी) की उत्पादन क्षमता वार्षिक 9.5 मिलियन टन करने के लिए इसका विस्तार करना जरूरी है. इन दोनों परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए भाजपा की डबल इंजन सरकार गंभीर है. इसे लेकर राज्य सरकार ने गुरुवार को एक उच्च स्तरीय बैठक बुलायी है. राजधानी भुवनेश्वर में यह बैठक लोक सेवा भवन के सम्मेलन कक्ष में होगी.
सुंदरगढ़ जिलापाल, आरएसपी के निदेशक प्रभारी आमंत्रित
इस बैठक में शामिल होने के लिए सुंदरगढ़ जिलापाल, राउरकेला स्टील प्लांट के प्रभारी निदेशक समेत बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निदेशक को भी आमंत्रित किया गया है. इस बैठक में राजस्व व आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी के साथ वाणिज्य, परिवहन, इस्पात व खदान मंत्री भी उपस्थित रहेंगे. इस बैठक में राउरकेला एयरपोर्ट का विस्तार व विकास तथा आरएसपी के विस्तारीकरण को लेकर भी चर्चा होगी. खासकर इन दोनों परियोजना के लिए कितनी जमीन की जरूरत पड़ेगी, इस पर चर्चा करने के साथ जमीन हस्तांतरण को लेकर भी चर्चा होगी.
आरएसपी से जमीन लेकर एएआइ को सौंपने पर होगा विचार
सूत्रों का कहना है कि राउरकेला एयरपोर्ट का विकास करने के लिए राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने हाल ही में अपने राउरकेला दौरे में 300 एकड़ जमीन की जरूरत होने की बात कही थी. यह जमीन सेल से लेकर राज्य सरकार द्वारा एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया को प्रदान किये जाने को लेकर मंथन किया जा सकता है. यदि ऐसा होता है, ताे एयरपोर्ट के रनवे को सेक्टर-13 प्रतिमा मिलन मैदान से भी आगे तक बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही इस बैठक में प्री सर्वे रिपोर्ट, ओएलएस सर्वे के साथ राउरकेला एयरपोर्ट को आगामी 100 साल के लिए विकसित किये जाने की योजना पर भी चर्चा होगी. लेकिन इस कार्य में एक से दो साल तक का समय लगने की संभावना है. जिससे शहर के प्रबुद्ध नागरिकों का कहना है कि तब तक के लिए कम से कम इस एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग व ओएलएस सुविधा बहाल कर दी जानी चाहिए, ताकि फ्लाइट रद्द होने की आशंका को कम किया जा सके. साथ ही राउरकेला स्टील प्लांट की उत्पादन क्षमता सालाना 9.5 मिलियन टन करने के लिए इसका विस्तारीकरण जरूरी है. लेकिन विस्तारीकरण के लिए जितनी जमीन चाहिए, उनमें से अधिकांश जमीन पर अतिक्रमण होने से इस समस्या का समाधान करने को लेकर भी इस बैठक में चर्चा होगी.
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