Rourkela News: आदिवासी कुड़मी समाज की केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर झारखंड, बंगाल व ओडिशा के अलग-अलग स्थानों पर शनिवार की सुबह से रेल टेका-डहर छेंका आंदोलन शुरू कर दिया गया है. आदिवासी कुड़मी समाज की मांगों में साजिश के तहत अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर की गयी कुड़मी जाति को फिर से अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने, कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने समेत अन्य कई मांगें शामिल हैं.
यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने खोला सहायता केंद्र, आरपीएफ रही मुस्तैद
इस आंदोलन का सबसे ज्यादा असर झारखंड व बंगाल में देखा जा रहा है. वहीं राउरकेला से होकर झारखंड व बंगाल जानेवाली ट्रेनों का परिचालन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इस वजह से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है तथा कुड़मी समाज के इस बेमियादी आंदोलन को लेकर वे अपनी नाराजगी भी जाहिर करते नजर आये. इस आंदोलन को लेकर राउरकेला से होकर चलने वाली विभिन्न ट्रेनों का परिचालन भी बुरी तरह बाधित रहा.
राउरकेला में करीब छह घंटे खड़ी रही अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस
राउरकेला स्टेशन में अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन को प्लेटफार्म-5 पर लगभग 5 घंटे 45 मिनट तक रोका गया. इसके बाद दोपहर को उक्त ट्रेन को हावड़ा के लिए रवाना किया गया. जबकि टिटिलागढ़ से हावड़ा जाने वाली इस्पात एक्सप्रेस ट्रेन को राउरकेला आने के बाद यहां से टर्मिनेट कर दूसरी ट्रेन से यात्रियों को हावड़ा भेजा गया. इस दाैरान यात्रियों नें कुड़मी समाज के आंदोलन के कारण हुई परेशानी पर नाराजगी जतायी. उनका कहना था कि इन मांगों को लेकर गलत तरीके से आंदोलन किया जा रहा है, इससे आम जनता को क्या परेशानी हो रही है, इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए था. इसके अलावा स्टेशन में रेल विभाग की ओर से खोले गये सहायता केंद्र में यात्रियों को ट्रेनों की जानकारी लेते देखा गया. वहीं आरपीएफ की टीम भी यात्रियों की मदद और सुरक्षा व्यवस्था में लगी रही. खासकर चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत अलग-अलग स्टेशनों पर किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है.
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