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Bhubaneswar News: केआइआइटी में नेपाली छात्रा की मौत की जांच रिपोर्ट का परीक्षण किया जा रहा है : मंत्री

Bhubaneswar News: विधानसभा में उच्च शिक्षा मंत्री ने केआइआइटी विवि में नेपाली छात्रा की मौत मामले में रिपोर्ट का परीक्षण जारी होने की बात कही.

Bhubaneswar News: केआइआइटी विश्वविद्यालय में फरवरी में हुई एक नेपाली छात्रा की मौत की जांच के लिए ओडिशा सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट का परीक्षण किया जा रहा है. राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने शुक्रवार को विधानसभा को यह जानकारी दी.नेपाल की 20 वर्षीय एक छात्रा 16 फरवरी को अपने छात्रावास के कमरे में मृत पायी गयी थी. उसकी मौत और परिसर में नेपाली विद्यार्थियों द्वारा उठायी गयी चिंताओं से भारत एवं नेपाल दोनों में व्यापक आक्रोश फैल गया था.

एनएचआरसी ने इस घटना का लिया था स्वतः संज्ञान

कांग्रेस विधायक दसरथी गोमांगो के लिखित प्रश्न का उत्तर देते हुए सूरज ने कहा कि समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है और सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट का परीक्षण किया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार को इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से कोई सूचना नहीं मिली है. एनएचआरसी ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया था और एक स्वतंत्र जांच की थी. केआइआइटी विश्वविद्यालय द्वारा सड़क पर कथित अवैध अतिक्रमण किये जाने के संबंध में गोमांगो के प्रश्न पर सूरज ने कहा कि यह मामला सीधे तौर पर उच्च शिक्षा विभाग से जुड़ा नहीं है.

कांग्रेस ने प्रश्नपत्र लीक की शिकायत की, राज्य सरकार ने एएनएम परीक्षा रद्द की

ओडिशा में विपक्षी कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि ऑक्जिलरी नर्सिंग मिडवाइफरी (एएनएम) परीक्षा आयोजित किये जाने से तीन घंटे पहले इसका प्रश्नपत्र लीक हो गया. पार्टी विधायक सीएस राजेन एक्का ने सदन में बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा के दौरान व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए यह आरोप लगाया. एक्का ने सदन में कहा कि हमारे संज्ञान में आया है कि एएनएम की दोपहर दो बजे होने वाली लिखित परीक्षा से पहले इसका प्रश्नपत्र अपराह्न 11 बजे लीक हो गया. एक्का ने कहा कि मलकानगिरी और बलांगीर जिलों में प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक हुआ तथा यहां द्वितीय वर्ष के छात्र परीक्षा देने वाले थे. इस घटना से अभ्यर्थियों और अभिभावकों में व्यापक रोष फैल गया तथा उन्होंने अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई और जवाबदेही की मांग की. इसके तुरंत बाद, राज्य के चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण निदेशक (डीएमइटी) प्रोफेसर संतोष मिश्रा ने बताया कि परीक्षा रद्द कर दी गयी है.

——————राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर विपक्ष की मुख्य सचेतक ने जतायी गहरी चिंताराज्य के स्वास्थ्य विभाग व सेवाओं की स्थिति को लेकर विधानसभा के शून्यकाल में विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने गंभीर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि एससीबी मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस मशीनों के बंद पड़े होने की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है. प्रमिला मलिक ने बताया कि केवल एससीबी में ही नहीं, बल्कि डायलिसिस मशीनें दुरुस्त न होने के कारण कई जिलों में डायलिसिस सेवाएं ठप पड़ी हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के समय निरामय योजना के तहत 200 प्रकार की दवाइयां मुफ्त उपलब्ध करायी जाती थीं, जबकि नयी सरकार ने इसे घटाकर 120 कर दिया है. इसके बावजूद, इन दवाओं में से भी लगभग 80 महत्वपूर्ण दवाइयां मरीजों को नहीं मिल पा रही हैं. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये. प्रमिला मलिक ने आगे कहा कि राज्य में नकली दवाइयों का प्रसार बढ़ रहा है, जिसे रोकने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए.

मध्याह्न भोजन योजना में 56 लाख से अधिक विद्यार्थी शामिल

ओडिशा में मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के तहत कुल 56,49,524 विद्यार्थियों को शामिल किया गया है. यह जानकारी राज्य के विद्यालय एवं जन शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड ने झारसुगुड़ा से भाजपा विधायक टंकधर त्रिपाठी के प्रश्न के लिखित उत्तर में दी. मंत्री ने बताया कि राज्य के सरकारी और सरकारी अनुदान प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए प्रति छात्र दैनिक खाद्य व्यय 11 रुपये 15 पैसे निर्धारित है. वहीं उच्च प्राथमिक और उच्च विद्यालयों में प्रति छात्र दैनिक खाद्य व्यय 14 रुपये 74 पैसे है. सरकार द्वारा निर्धारित मेन्यू के अनुसार सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को विद्यार्थियों को भात (चावल) और अंडा करी परोसी जाती है. मंगलवार और शनिवार को भात, सोयाबड़ी करी और पोषक लड्डू दिया जाता है. गुरुवार को बच्चों को भात, दालमा के साथ पौष्टिक लड्डू उपलब्ध कराया जाता है. इसके अलावा, जो विद्यार्थी अंडा नहीं खाते, उन्हें सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को फल प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है.

ओडिशा में पांच वर्षों में कम-नामांकन वाले 5,633 स्कूलों का हुआ विलय: मंत्री

ओडिशा सरकार ने बीते पांच वर्षों में लगातार कम छात्र नामांकन के कारण कुल 5,633 स्कूलों का नजदीकी लीड स्कूलों के साथ विलय किया है. यह जानकारी स्कूल एवं जनशिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड ने शुक्रवार को विधानसभा में दी. कांग्रेस विधायक राम चंद्र काडाम के प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि स्कूलों का यह विलय स्कूल एवं जनशिक्षा विभाग की अधिसूचना संख्या 5465 (दिनांक 11 मार्च 2020) तथा संशोधित अधिसूचना संख्या 18905 (दिनांक 14 दिसंबर 2020) के अनुसार किया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कदम राज्य की व्यापक स्कूल युक्तिकरण (रैशनलाइजेशन) पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य शैक्षिक संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करना और विद्यार्थियों को सुधारात्मक शैक्षणिक वातावरण प्रदान करना है. बहुत कम नामांकन वाले स्कूलों को बेहतर सुविधाओं से युक्त लीड स्कूलों में समाहित करने के लिए यह प्रक्रिया अपनायी गयी है.

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