Rourkela News: हाथियों की सुरक्षा के लिए पिछले दिनों वन विभाग और रेलवे के शीर्ष अधिकारियों के बीच हुई बैठक के बाद अब संयुक्त रूप से काम शुरू कर दिया गया है. दोनों ही विभागों के अधिकारियों ने रेल पटरियों के पास उन इलाकों में जगह की तलाश शुरू कर दी है, जहां से हाथी सबसे ज्यादा गुजरते हैं. पिछले दिनों हुई बैठक में तय हुआ था कि कुल छह ऐसे अंडरपास और ओवरपास बनाये जायेंगे, ताकि हाथियों को एक सेफ पैसेज मिल सके.
राउरकेला वन क्षेत्र में घूम रहा 84 हाथियों का झुंड
वन और रेलवे विभाग की संयुक्त टीम ने शनिवार को स्थान की तलाश शुरू कर दी है. इसके लिए सर्वे का काम चल रहा है. वन विभाग के अनुसार, करीब 84 से अधिक हाथियों का झुंड राउरकेला वन क्षेत्र के आसपास सक्रिय है. यह समूह अलग-अलग समय पर रेलवे की पटरियों को भी पार करता है. नियमित निगरानी के कारण वन विभाग को समय पर इसकी सूचना मिल रही है, जिसे रेलवे के साथ साझा कर हाथियों के आने-जाने के दौरान ट्रेनों को रोका जा रहा है. इससे अब तक कई हादसों को रोका जा चुका है. लेकिन अब दोनों ही विभाग संयुक्त रूप से काम कर इसका स्थायी समाधान खोजने की कोशिश कर रहे हैं. अंडरपास और ओवरपास इसी अभियान का हिस्सा है, ताकि हादसों को रोका जा सके. गौरतलब है कि लगातार हादसों में हाथियों के जान जाने के बाद वन विभाग और रेलवे ने इसे गंभीरता से लेते हुए आपसी समन्वय को बढ़ाने की दिशा में काम किया, जिसके परिणाम अब सामने आ रहे हैं.
हाथियों की सुरक्षा को हादसों को शून्य पर लाने का हो रहा प्रयास
राउरकेला डीएफओ जसवंत सेठी ने कहा कि हम हाथियों को सुरक्षित रखने के लिए हादसों को शून्य पर लाने की दिशा में काम कर रहे हैं. इसके लिए अब तक जो भी प्रयास हुए वह सफल साबित हुए हैं. आगामी दिनों में हम अंडर और ओवरपास के जरिये हादसों को पूरी तरह से खत्म करेंगे. इसके लिए काम चल रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

