Sundargarh News: ओडिशा सरकार का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, सुंदरगढ़ जिले के 16 प्रखंडों में लिम्फेटिक फाइलेरिया (एलएफ) के उन्मूलन के लिए व्यापक औषधि प्रशासन (एमडीए) कार्यक्रम का आयोजन करेगा. इस संबंध में गुरुवार को मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी के सम्मेलन कक्ष में एक प्रेस वार्ता आयोजित की गयी. जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेश चंद्र मोहंती, जिला जन स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शिवशीष महाराणा, एडीपीओ (वीबीडी) डॉ भक्त मोहन स्वांई, डीपीएम, एनएचएम विश्वंभर बेहरा, जिला सलाहकार -(वीबीडी) बसंत कुमार पंडा और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
4905 प्रशिक्षित स्वयंसेवक हर घर, स्कूल, कॉलेज और कारखाना जाकर खिलायेंगे दवा
बैठक में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को एक जन आंदोलन बनाने के मुद्दे पर चर्चा की गयी. जिले में फाइलेरिया की रोकथाम के लिए 10 से 19 अगस्त तक सामूहिक दवा प्रशासन कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा. यह कार्यक्रम नुआगांव ब्लॉक को छोड़कर सभी 16 ब्लॉकों में आयोजित किया जायेगा. इस दवा को पिलाने के लिए 4905 प्रशिक्षित स्वयंसेवक हर घर, स्कूल, कॉलेज, कारखाने आदि में जायेंगे. जिले के इन 16 ब्लॉकों के 14 लाख 55 हजार 392 लोग इस दवा का सेवन करेंगे. अभियान की देखरेख 502 पर्यवेक्षकों द्वारा की जायेगी.
दो साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं नहीं खायेंगे दवा
हालांकि, दो साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, गंभीर रूप से बीमार लोग यह दवा नहीं खायेंगे. छह साल और उससे अधिक उम्र के बच्चे आइवरमेक्टिन की गोलियां लेंगे. स्तनपान कराने वाली माताओं को प्रसव के पहले सप्ताह के दौरान आइवरमेक्टिन की गोलियां लेने की मनाही है. इसी तरह, 2-5 साल के बच्चे केवल डीइसी और एल्बेंडाजोल की गोलियां लेंगे. डीइसी और आइवरमेक्टिन की गोलियों को पानी के साथ निगलना चाहिए. जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि अगर कोई मामूली दुष्प्रभाव हो तो घबरायें नहीं और नजदीकी स्वास्थ्य कार्यकर्ता से सलाह लें. साथ ही, उन्होंने हर्बल दवाओं का सेवन करके सुंदरगढ़ जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने में सभी का सहयोग मांगा.
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