Rourkela News: चालू खरीफ ऋतु में धान का संग्रह 15 दिसंबर से बणई अनुमंडल और 20 दिसंबर से सुंदरगढ़ और पानपोष अनुमंडल में शुरू होगा. इसी सिलसिले में शुक्रवार को संस्कृति भवन में जिला स्तरीय धान संग्रह प्रशिक्षण और जागरुकता कार्यक्रम हुआ.
विशेषज्ञों ने धान की क्वालिटी तय करने का दिया प्रशिक्षण
इसमें जिले में धान संग्रह का काम आसानी से कैसे किया जायेगा, इस पर चर्चा की गयी और प्रशिक्षण दिया गया. धान कटाई पर सवाल-जवाब सत्र भी रखा गया. इसी तरह, विशेषज्ञों ने धान की क्वालिटी कैसे तय करें, इस पर भी ट्रेनिंग दी. धान को धान संग्रह केंद्र पर लाने से पहले धूप में अच्छी तरह सुखाने और रेत, मिट्टी, भूसा वगैरह साफ करने पर जोर दिया गया. प्रशिक्षण में मुख्य आपूर्ति अधिकारी अजय कुमार रथ, डीआरसीएस रश्मिलता बेहेरा, जिला सप्लाई ऑफिसर, सभी एडिशनल सप्लाई ऑफिसर, सभी एआरसीएस, सभी सप्लाई इंस्पेक्टर, सभी सेल्फ हेल्प ग्रुप के सदस्य मौजूद थे.
झारसुगुड़ा : प्रति एकड़ 19 क्विंटल धान नहीं बेच पा रहे किसान, नाराजगी
झारसुगुड़ा में धान बिक्री को लेकर हंगामा मचा हुआ है. किसानों का आरोप है कि उन्हें सिंचित भूमि पर प्रति एकड़ 19 क्विंटल धान बेचने का अवसर नहीं दिया जा रहा है, जबकि सरकार ने इसके लिए अनुमति दी है. किसानों का कहना है कि उन्हें 13 क्विंटल धान बेचने का टोकन दिया जा रहा है, जबकि उनकी जमीन सिंचित है. इससे उन्हें नुकसान हो रहा है और अतिरिक्त धान दलालों को कम कीमत पर बेचना पड़ेगा. जिला आपूर्ति अधिकारी दुर्गाचरण बेसरा ने कहा कि सिंचित और असिंचित भूमि पर धान की बिक्री के नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जो किसान सिंचित भूमि पर खेती करते थे, वे प्रति एकड़ 19 क्विंटल धान बेच सकते हैं. किसान संगठनों ने सरकार से मांग की है कि धान की कटाई को व्यवस्थित तरीके से संपन्न करायी जाये और किसानों की मांगों को महत्व देते हुए पूर्व की तरह सिंचित भूमि के लिए प्रति एकड़ 19 क्विंटल धान की बिक्री की अनुमति दी जाये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

