Rourkela News: पानपोष ऑटोनोमस कॉलेज, राउरकेला में कॉलेज के भौतिकी विभाग और एनआइटी के एनआइटीआर खगोल विज्ञान क्लब के सहयोग से भारतीय खगोलीय सोसायटी के जागरूकता कार्यक्रम के तहत एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. कॉलेज की प्राचार्य डॉ सस्मिता सामल के संचालित में आयोजित इस परिचर्चा में भारतीय विज्ञान शिक्षा संस्थान (आइआइएसइ), कोलकाता के प्रोफेसर दिव्येंदु नंदी विशेष वक्ता के रूप में शामिल हुए. उन्होंने ‘अंतरिक्ष में तारों का जीवन’ शीर्षक से परिचर्चा के माध्यम से तारों पर चर्चा की. इसी प्रकार, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआइएफ) मुंबई की प्रोफेसर प्रियंका चतुर्वेदी ने अंतरिक्ष में सौर मंडल के बाहर ग्रहों के अस्तित्व पर चर्चा की.
दूरबीन से खगोलीय पिंडों को देखने को लेकर दिखा उत्साह
विशेष दूरबीन के माध्यम से सूर्य सहित अंतरिक्ष पर नजर रखने की प्रक्रिया का प्रस्तुतिकरण भी किया गया. दूरबीन के माध्यम से विभिन्न खगोलीय पिंडों को देखने के लिए छात्रों और संकाय सदस्यों में भारी उत्साह दिखा. भौतिकी विभाग की प्रमुख डॉ अन्नपूर्णा महंत ने स्वागत भाषण दिया, जबकि विभाग के छात्र आदित्य ने समारोह का समन्वयन किया. परिचर्चा के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों के विद्यार्थियों ने वैश्विक मुद्दों पर प्रश्नोत्तर सत्र में भाग लिया. विभागीय व्याख्याता डॉ रंजनारानी दास, संतोषिनी पात्रा, प्रोफेसर डॉ विश्वनाथ परिजा, डॉ निरंजन साहू, डॉ सत्यव्रत शतपथी, डॉ सुशील एक्का और सुमित बर्नवाल के साथ-साथ शुभज्योति महापात्रा, अशोक कुमार मिंज, प्रज्ज्वल पांडे और अभिजीत जेना ने महत्वपूर्ण योगदान दिया. कार्यक्रम में मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष समीर सौरभ पृष्टि और अन्य संकाय सदस्य उपस्थित थे.
सेमिनार में इतिहास में वर्गीकरण, कालक्रम और संबंधित तत्वों पर हुई चर्चा
पानपोस स्थित सरकारी स्वायत्त महाविद्यालय के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग की ओर से टीचर्स एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत सरकारी महाविद्यालय, सुंदरगढ़ के साथ एक सेमिनार का आयोजन किया गया. शासकीय स्वायत्त महाविद्यालय के स्वामी विवेकानंद हॉल में आयोजित सेमिनार में कॉलेज की प्राचार्य डॉ सस्मिता सामल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं. वहीं विशेष अतिथि के रूप में सुंदरगढ़ सरकारी कॉलेज के इतिहास विभाग के प्रोफेसर शाकिर हुसैन शामिल हुए और इतिहास में वर्गीकरण, कालक्रम और विभिन्न संबंधित तत्वों से संबंधित प्रासंगिक चर्चाएं की. उन्होंने कहा कि इतिहास में घटनाओं के कालानुक्रमिक प्रवाह की व्यवस्थित चर्चा बहुत प्रासंगिक और आवश्यक है. श्री हुसैन ने कई उदाहरणों के माध्यम से इस पर अपने विचार व्यक्त किये. प्राचार्य डॉ सामल ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से दोनों कॉलेजों के शिक्षकों और विद्यार्थियों को विभिन्न मुद्दों पर उपयोगी जानकारी मिल सकेगी. कॉलेज के इतिहास विभाग की विभागाध्यक्ष बसंती कुजूर ने स्वागत भाषण देने के साथ अतिथियों का परिचय कराया, जबकि संकाय सदस्य डॉ रंजीता ओराम ने कार्यक्रम का संचालन किया. विभागीय संकाय सदस्य भानुमति साहू ने धन्यवाद ज्ञापन किया. इसमें कॉलेज के विभिन्न विभागों के संकाय सदस्यों सहित विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों ने भाग लिया.
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