Rourkela News: राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) में विगत कुछ वर्षों से भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी मजबूत हो चुकी हैं कि यहां से आये दिन कोई न कोई काला कारनामा सामने आ रहा है. इस बार 10 लाख रुपये की यूजर्स फी की राशि लेकर डाटा इंट्री ऑपरेटर के फरार होने का मामला सामने आया है. आइजीएच प्रबंधन की ओर से इसकी शिकायत रघुनाथपाली थाना में की गयी है. पुलिस जांच में जुटी है. लेकिन आरोपी का कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
डीएमएफ फंड की ओर से हुई थी नियुक्ति
जानकारी के अनुसार, सुंदरगढ जिला डीएमएफ फंड की ओर से यहां पर भागीरथी साहू नामक युवक को डाटा इंट्री ऑपरेटर के पद पर नियुक्त किया गया था. राउरकेला सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए आम बेड के अलावा केबिन ब्लॉक की भी सुविधा दी जाती है. इसके एवज में मरीजों से यूजर्स फी भी ली जाती है. यह यूजर फी उपरोक्त डाटा इंट्री ऑपरेटर के माध्यम से जमा की जाती थी. हालांकि विगत कुछ दिनों से इसने यह रकम जमा नहीं करायी थी. जिसके बाद वह फरार हो गया. इसका पता चलने पर आरजीएच प्रबंधन ने पड़ताल की, तो पता चला कि यह डाटा इंट्री ऑपरेटर यूजर्स फीस के तौर पर मिली 10 लाख रुपये की राशि लेकर फरार हो गया है.
झारसुगुड़ा में तीन एजेंट से 74 हजार रुपये की साइबर ठगी, मामला दर्ज
झारसुगुड़ा तथा राउरकेला में साइबर ठगी का मामला सामने आया है. झारसुगुड़ा में अखबार के तीन एजेंट से 74 हजार रुपये की साइबर ठगी की गयी है. इसकी शिकायत झारसुगुड़ा साइबर थाना में की गयी है. इसके अलावा इसी तर्ज पर राउरकेला के तीन अखबार हॉकरों को साइबर ठगी का प्रयास किया गया था, लेकिन वे इस ठगी से बच गये. जानकारी के अनुसार झारसुगुड़ा के तीन अखबार एजेंट देवेंद्र मंडल, भोपाल साहू व सुशांत पात्र के पास एक सितंबर को अनजान व्यक्ति का फाेन आया था. उसमें पूछा गया था कि वे लोग अपने अखबार में लिफलेट बांटने के लिए कितने रुपये लेते हैं. इस पर बताया गया था कि एक हजार लिफलेट के लिए वे 300 रुपये लेते हैं. इसके बाद उक्त व्यक्ति ने कहा कि वे लोग दस हजार लिफलेट बांटना चाहते हैं तथा इसके लिए तीन हजार रुपये उन सभी के एकाउंट में भेज रहे हैं. वहीं, एक सितंबर काे उक्त व्यक्ति ने बताया कि गलती से उनके एकाउंट में 30-30 हजार रुपये चले गये हैं, जिससे वे लोग अपने तीन हजार रुपये काटकर बाकी रकम भेज दें. जिसमें उनमें से देवेंद्र व भोपाल साहू ने 27-27 हजार रुपये वापस भेज दिये, जबकि सुशांत पात्र ने 20 हजार रुपये वापस भेज दिये थे. जिसके बाद उनकाे पता चला कि वे साइबर ठगी का शिकार हो गये हैं तथा उक्त नंबर पर फोन करने के बाद भी उधर से फोन नहीं उठाया गया. इसकी शिकायत झारसुगुड़ा साइबर थाना में की गयी है. वहीं, इसी तर्ज पर राउरकेला के तीन एजेंट रवि सेनापति, अशोक साहु व बादल घोष काे भी साइबर ठगी का प्रयास किया गया था. लेकिन वे उनके झांसे में नहीं आये तथा साइबर ठगी से बच गयेडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

