Bhubaneswar News: मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने बुधवार को लोकसेवा भवन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित दो महत्वपूर्ण योजनाओं ‘आमे पढ़िबा आम भाषा रे’ (हम पढ़ेंगे अपनी भाषा में) और ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’ की समीक्षा की.
17 भाषाओं में दी जा रही शिक्षा
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में राज्य के 15 जिलों की 10629 आंगनबाड़ी केंद्रों में प्रारंभिक शिक्षा बच्चों को उनकी मातृभाषा में दी जा रही है. ये शिक्षण 17 विभिन्न भाषाओं में संचालित हो रहा है, जिनमें देशिया, भूमिज, बिंझाल, गोंडी, हो, सादरी, खड़िया, बोंडा, मुंडा, कोया, कुंभी, कुई, सौरा, संथाली, ओराम, किशन और जुआंग शामिल हैं. उल्लेखनीय है कि ओडिशा देश का पहला राज्य है जिसने आंगनबाड़ी स्तर पर मातृभाषा आधारित बहुभाषीय पूर्व-प्राथमिक शिक्षा की शुरुआत की है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी विशेष प्राथमिकता दी गयी है.
मातृभाषा में शिक्षा देने से बच्चों का बढ़ेगा आत्मविश्वास : मोहन माझी
मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को सलाह दी कि प्रारंभिक शिक्षा बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा देने से उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और पढ़ाई के प्रति उनकी रुचि भी गहराई से विकसित होगी. उन्होंने निर्देश दिया कि बच्चों के लिए उनके अपने परिवेश के अनुरूप वस्तुएं, पशु-पक्षी और उपयोगी सामग्री से संबंधित चित्रों के साथ सचित्र पुस्तकों का प्रकाशन किया जाये. मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि इस कार्यक्रम को और प्रभावशाली बनाने के लिए अधिक मानव संसाधन तैयार किये जायें और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाये.
कन्या विवाह योजना के लिए बजट में 12 करोड़ का प्रावधान
इसी बैठक में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना पर भी विस्तार से चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर माता-पिता पर बेटियों के विवाह का बोझ कम करना है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस योजना में विधवा बेटियों को भी शामिल किया जाये और सरकार की ओर से उपहार व्यवस्था की जाये. मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि इन विवाहों को सामूहिक स्तर पर आयोजित किया जाये और जल्द से जल्द सभी प्रक्रिया पूर्ण कर योजना का क्रियान्वयन शुरू किया जाये. वर्ष 2025-26 के लिए इस योजना पर 12 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है. बैठक में मुख्य सचिव मनोज आहूजा, विकास आयुक्त अनु गर्ग, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव शुभा शर्मा, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव शाश्वत मिश्रा, अनुसूचित जनजाति और जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव संजीव कुमार मिश्रा, विद्यालय एवं जनशिक्षा विभाग की सचिव शालिनी पंडित समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
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