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Rourkela News: बोलानी लौह अयस्क खदान को मिला प्रदूषण नियंत्रण उत्कृष्टता पुरस्कार-2025

Rourkela News: ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 42वें स्थापना दिवस पर बोलानी लौह अयस्क खदान को प्रदूषण नियंत्रण उत्कृष्टता पुरस्कार मिला.

Rourkela News: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की बोलानी लौह अयस्क खदान (बीओएम), सीएमएलओ, को ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (ओएसपीसीबी) के 42वें स्थापना दिवस पर प्रदूषण नियंत्रण उत्कृष्टता पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान पर्यावरण के क्षेत्र में इसके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया गया.

राज्यपाल से सेल के कार्यपालक निदेशक ने ग्रहण किया पुरस्कार

यह पुरस्कार ओडिशा के राज्यपाल डॉ हरि बाबू कंभमपति और ओडिशा सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, सत्यव्रत साहू ने सेल के कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) तरुण मिश्र और सीएमएलओ बोलानी के सहायक महाप्रबंधक (इएंडएल) तापस रंजन साहू को प्रदान किया. उल्लेखनीय है कि बीओएम के पर्यावरण एवं लीज विभाग ने विस्तृत तकनीकी प्रस्तुति दी, जिसमें व्यापक पर्यावरणीय प्रबंधन रणनीतियों और कानूनी अनुपालन उपलब्धियों को रेखांकित किया गया. इसके बाद, जियो-टैग वाली तस्वीरों और वीडियो सहित अतिरिक्त दस्तावेज ओएसपीसीबी को प्रस्तुत किये गये. प्रदूषण नियंत्रण उपायों के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन की पुष्टि के लिए ओएसपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी ने साइट का निरीक्षण किया. इन औपचारिक मूल्यांकन प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद ओडिशा में कई परिचालन खानों में से बीओएम को प्रदूषण नियंत्रण उत्कृष्टता पुरस्कार 2025 के लिए चुना गया.

वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, इस खान ने कई महत्वपूर्ण पहलें कीं

यह पुरस्कार भारत में जिम्मेदार खनन के लिए बीओएम की भूमिका को पुन: स्थापित करता है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, इस खान ने कई महत्वपूर्ण पहलें कीं, जिनमें अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण के लिए दो अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र स्थापित करना, धूल नियंत्रण के लिए छह फॉग कैनन और जल छिड़काव यंत्र लगाना और लोडिंग प्लांट में बिना उपचारित अपशिष्ट जल का शून्य निर्वहन शामिल है. 25,000 से अधिक देशी पेड़ों का बड़े पैमाने पर रोपण, पुनर्जीवित क्षेत्रों में जैव विविधता में वृद्धि और सक्रिय उपायों ने वनीय आग की घटनाओं को शून्य पर लाने में मदद की. ओवरबर्डन डंप को कोयर मैट और घास लगाकर स्थिर किया गया, जबकि आइआइटी (आइएसएम), धनबाद के साथ वैज्ञानिक सहयोग से ढलान को स्थिरीकरण करने और खान जल प्रबंधन में मदद मिली. आइएसओ प्रमाणन, सख्त कानूनी अनुपालन, नियमित जागरुकता कार्यक्रम और 100% शिकायत निवारण के साथ, बीओएम सतत और पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी खनन में उच्च मानक स्थापित करते जा रहा है.

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