Sambalpur News: बरगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर बीजू जनता दल (बीजद) ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. बीजद का आरोप है कि जिले में डॉक्टरों के लगभग 600 स्वीकृत पदों में से केवल 30 प्रतिशत ही भरे हुए हैं और पारामेडिकल स्टाफ के 60 प्रतिशत पद रिक्त हैं. इससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं. बीजद नेताओं ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा सरकार की कड़ी आलोचना की.
रिक्त पदों पर नियुक्ति को लेकर सरकार उदासीन, जनता परेशान
बीजद नेताओं ने कहा कि सरकार डॉक्टरों के पदों को भरने को लेकर अब तक उदासीन रही है. इससे जनता स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच की कमी से जूझ रही है. बीजद नेताओं ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा स्थापित कैंसर अस्पताल पूरी तरह चालू होना चाहिए. अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति कर जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की मांग की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बरगढ़ बीजद जिला अध्यक्ष सुशांत महापात्र, पूर्व मंत्री स्नेहांगिनी छुरिया,पूर्व मंत्री रीता साहू, पूर्व विधायक देवेश आचार्य, नगरपाल कल्पना माझी, उपनगरपाल राजेश अग्रवाला समेत गौरहरि मिश्रा, प्रद्युम्न त्रिपाठी, किशोर मिश्रा व उमा चरण राउत उपस्थित थे. बीजद नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानीं, तो वे जनता के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए विवश होंगे.
बरगढ़ जिला परिषद स्थायी समिति की बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं की हुई समीक्षा
बरगढ़ जिला परिषद स्थायी समिति ने स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक मंगलवार को आयोजित हुई. इसमें डॉक्टरों के पदों को भरने और अच्छी गुणवत्ता वाला सत्तू वितरित करने पर जोर दिया गया. जिला परिषद अध्यक्ष मानिनी भोई ने विभागीय कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक पदों को भरने का परामर्श दिया है. इस बैठक में जिला मुख्य चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य अधिकारी से लौमुंडा, तलपदर और बिजेपुर स्वास्थ्य केंद्रों में जल्द से जल्द डॉक्टर और अन्य स्टाफ उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया. बैठक में जिला परिषद उपाध्यक्ष मोहन लुहा, समिति के सदस्य और जिला परिषद सदस्य रोजी नायक, सरस्वती साहू, पूर्णिमा राणा और सुशांत गड़तिया सहित स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल कल्याण विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे. बैठक में स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की गयी, जिसमें अस्पताल में प्रसव, गर्भावस्था के दौरान मातृ एवं शिशु देखभाल, कुष्ठ रोग, टीबी एवं संचारी रोग नियंत्रण प्रणाली, नेत्र जांच शिविरों का आयोजन एवं निःशुल्क चश्मा वितरण आदि शामिल थे.
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