Rourkela News: सुंदरगढ़ जिले की कर्कटनाशा ग्राम पंचायत के कांटाझर कुंबरटोला गांव के 65 वर्षीय भीमसेन सोरेंग दयनीय हालात में जीवन बिता रहे हैं. उनका अपना पक्का घर नहीं है और वे एक जर्जर झोपड़ी में रहने को विवश हैं. तीन साल पहले एक हाथी ने उनका घर तोड़ दिया था, जिसकी मरम्मत वे अब तक नहीं करा पाये हैं. हाथी के घर तोड़ने या फसल को नुकसान पहुंचाने पर राज्य सरकार की ओर से सहायता प्रदान की जाती है, लेकिन भीमसेन को तीन साल बाद भी कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है.
राशन कार्ड से मिलता है 5 किलो चावल, सहायता की लगायी गुहार
केंद्र और राज्य सरकार गरीबों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही हैं, लेकिन भीमसेन को इन योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाया है. फिलहाल उन्हें राशन कार्ड से केवल पांच किलो चावल मिल रहा है, लेकिन किसी प्रकार का भत्ता नहीं मिल रहा. जीवन यापन के लिए वे गांव वालों की मदद पर निर्भर हैं. जब कभी मजदूरी मिलती है, तभी वे थोड़े पैसे कमा लेते हैं.
सिर पर छत नहीं, दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल
बढ़ती उम्र के कारण अब उनके लिए मेहनत-मजदूरी करना भी मुश्किल हो गया है, जिससे दो वक्त की रोटी जुटाना भारी पड़ रहा है. भीमसेन ने सरकार से पक्का घर, भत्ता और 35 किलो चावल उपलब्ध कराने की अपील की है. उनका कहना है कि प्रशासन को कई बार आवेदन देने के बावजूद अब तक उन्हें कोई मदद नहीं मिली. गांव के लोगों ने भी प्रशासन से भीमसेन को जरूरी सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है.
मामले की जांच करा जल्द प्रदान की जायेगी सहायता
नुआगांव ब्लॉक की बीडीओ ज्योति विकास दास ने कहा कि इस मामले की जांच की जायेगी और भीमसेन को सरकारी मदद दिलाने की व्यवस्था की जायेगी. जल्द ही उनकी समस्या का समाधान कर आवश्यक सहायता प्रदान की जायेगी.
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