Rourkela News : राउरकेला चेंबर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से मंगलवार को एक होटल में रक्षा उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें वक्ताओं ने बताया कि कैसे रक्षा उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के लिए एमएसएमई का उपयोग किया जा सकता है. चेंबर के अध्यक्ष मलय मंडल ने कार्यक्रम में स्वागत संबोधन दिया. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह जानना है कि राउरकेला में मौजूद सभी उद्योगों में रक्षा उपकरणों का निर्माण कैसे किया जाये. जबकि भारत में एमएसएमई क्षेत्र में 27,886 करोड़ रुपये की पूंजी है. राउरकेला को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य था कि राउरकेला के उद्योग एमएसएमई का उपयोग रक्षा उपकरणों के उत्पादन के लिए कैसे कर सकते हैं. जब राउरकेला स्टील प्लांट से उत्पादित स्टील से भारतीय जहाज बनाये जा सकते हैं, तो राउरकेला शहर के छोटे-बड़े उद्योग रक्षा उपकरण क्यों नहीं बना सकते? इसके लिए भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन उपनिदेशक आनंद कुमार सिंह और बलांगीर जिले के बड़माल स्थित म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड आयुध निर्माणी के अतिरिक्त महाप्रबंधक राम कुमार इस बारे में जागरूकता पैदा करेंगे. यहां सुरक्षात्मक उपकरणों के परीक्षण की कोई सुविधा नहीं है, इसलिए इस जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य इस पर आगे चर्चा करना है कि सुरक्षात्मक उपकरणों के परीक्षण के लिए यहां कैसे अवसर पैदा किए जा सकते हैं और इन सभी मुद्दों पर एक कार्यक्रम तैयार करना है, जिससे आने वाले दिनों में एमएसएमई का निवेश हो सके.इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल से आये एयरोस्पेस एवं डिफेंस अर्न्स्ट एंड यंग एलएलपी के प्रबंधक बलप्रीत सिंह, भारत सरकार के रक्षा उत्पादन मंत्रालय के उप महानिदेशक (एनडीसीडी) आनंद कुमार सिंह, ऑर्डनेंस फैक्ट्री म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड के अपर महाप्रबंधक राम कुमार और भारत सरकार के एमएसएमई विकास एजेंसी के संयुक्त निदेशक एसके साहू ने भाग लिया और रक्षा उपकरणों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के बारे में जागरूकता पर चर्चा की. कार्यक्रम का संचालन रुद्राणी मित्रा ने किया.
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