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Bhubaneswar News: बीजद विधायकों के हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही शाम चार बजे तक स्थगित

Bhubaneswar News: उर्वरक की किल्लत को लेकर बीजद के हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही केवल चार मिनट चल सकी.

Bhubaneswar News: ओडिशा विधानसभा में विपक्षी बीजू जनता दल (बीजद) के विधायकों ने चालू खरीफ सीजन के दौरान उर्वरक संकट पर विस्तृत चर्चा की मांग की. अपनी मांगों को लेकर बीजद विधायकों ने हंगामा किया, जिस कारण विधानसभा का कार्यवाही शाम चार बजे तक स्थगित करनी पड़ी. इसके कारण आज प्रश्नकाल, शून्यकाल और अन्य निर्धारित कार्यकर्म नहीं हो पाये. राज्य में उर्वरक संकट के कारण किसान सड़कों पर उतर आये हैं.

केवल चार मिनट चल सकी सदन की कार्यवाही

सदन की कार्यवाही सुबह 10:30 बजे प्रश्नकाल के लिए शुरू होने से पहले ही बीजद विधायक आसन के समक्ष मौजूद थे और हाथों में तख्तियां लिये भाजपा सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे. उन्होंने सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप भी लगाया. सदन की कार्यवाही केवल चार मिनट ही चल सकी और अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी. अध्यक्ष ने सदस्यों से अपनी सीटों पर वापस जाने का बार-बार अनुरोध किया, लेकिन सदस्यों का हंगामा जारी रहा. हंगामे के बीच ही पाढ़ी ने स्कूल एवं जन शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड को भाजपा सदस्य टंकधर त्रिपाठी के प्रश्न का उत्तर देने की अनुमति दी, लेकिन शोरगुल के कारण कुछ भी सुना नहीं जा सका. विधानसभा में बीजद का यह हंगामा खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्ण चंद्र पात्रा द्वारा यह स्वीकार किये जाने के एक दिन बाद हुआ कि राज्य भर में उर्वरक की कालाबाजारी हो रही है.

सरकार ने किसानों की दुर्दशा को किया नजरअंदाज

सदन के बाहर, विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा कि उन्हें सदन में विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि सरकार ने सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की दुर्दशा को नजरअंदाज किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार किसानों की मांग पूरी करने में विफल रही है और राज्य भर में उर्वरक की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी हो रही है. अध्यक्ष द्वारा उर्वरक संकट पर बहस के लिए नोटिस स्वीकार किये जाने के बावजूद बीजद के आंदोलन को उचित ठहराते हुए प्रमिला मलिक ने कहा कि हम सदन की सभी कार्यवाही स्थगित करके पूर्ण चर्चा की मांग कर रहे हैं. जब राज्य की 60 प्रतिशत से ज्यादा आबादी किसान हैं, तो 15-20 मिनट की चर्चा उचित नहीं होगी.

चर्चा के लिए नोटिस स्वीकार करने पर हंगामा करने का नहीं था मतलब : भाजपा

हालांकि, भाजपा विधायक अगस्ती बेहरा ने आरोप लगाया कि विपक्षी बीजद ने सरकार को बदनाम करने के लिए कार्यवाही बाधित की. विधायक ने आरोप लगाया कि जब अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के बाद इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस का नोटिस स्वीकार कर लिया, तो हंगामा करने का कोई मतलब नहीं था. ऐसी बातें सिर्फ प्रचार के लिए की जाती हैं. कांग्रेस सदस्य अशोक दास ने बीजद की कार्रवाई पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि वे स्थगन प्रस्ताव के जरिये इस मामले पर चर्चा कर सकते थे. अशोक दास ने आरोप लगाया कि बहस में शामिल होने के बजाय, बीजद ने यह सुनिश्चित किया कि सदन स्थगित हो जाये. हमें संदेह है कि बीजद ने भाजपा सरकार को बचाने के लिए ऐसा किया.

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