Rourkela News: राउरकेला की माटी के लाल अन्वेष चटर्जी की फिल्म अब दुनिया देखेगी. राउरकेला में जन्मे और वर्तमान में पुणे में कार्यरत जीएसटी संयुक्त आयुक्त एवं आइआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) अधिकारी अन्वेष चटर्जी द्वारा निर्देशित फिल्म ‘कथाकार की डायरी’ को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय न्यूयॉर्क फिल्म महोत्सव में प्रदर्शन के लिए चुना गया है. यह फिल्म महोत्सव 26 सितंबर से 13 अक्टूबर तक आयोजित होगा.
पश्चिमी ओडिशा की प्राकृतिक भव्यता को फिल्म में मिला है विशेष स्थान
फिल्म के मुख्य दृश्य ओडिशा के सुंदरगढ़ के जंगलों में फिल्माये गये हैं, जबकि इसमें पश्चिमी ओडिशा की प्राकृतिक भव्यता को विशेष स्थान दिया गया है. दर्शकों को इसमें एक आम आदमी के जीवन की कहानी देखने को मिलेगी. अन्वेष ने इस फिल्म का लेखन और निर्देशन किया है और इसमें ओडिशा के 200 से अधिक कलाकारों ने अभिनय किया है. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संपादक असीम सिन्हा द्वारा संपादित इस फिल्म को बनाने में अन्वेष को ढाई से तीन साल लगे. सबसे अच्छी बात यह है कि इस फिल्म में एक डेढ़ साल का बच्चा भी मुख्य भूमिका में है. यह उपलब्धि राउरकेला और ओडिशा के लिए गर्व का विषय है और वैश्विक मंच पर स्थानीय कला और संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है. फिल्म ‘कथाकार की डायरी’ के बारे में अन्वेष ने बताया कि डेढ़ घंटे की इस फीचर फिल्म की शूटिंग मुंबई, पुणे और ओडिशा में हुई है.
ओडिशा, मुंबई व पुणे के थिएटर कलाकारों की मदद से बनायी फिल्म
फिल्म की कहानी और दृश्यों ने फिल्म समीक्षकों को प्रभावित किया है और अब इसे अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव लिए चुना गया है. यह फिल्म बेहद सीमित बजट में बनी है. दिन में सरकारी नौकरी और रात में शूटिंग, अन्वेष ने दोनों ही भूमिकाएं बखूबी निभायी हैं. उन्होंने ओडिशा, मुंबई और पुणे के लगभग 200 थिएटर कलाकारों और तकनीशियनों की मदद से यह फिल्म बनायी है. यह फिल्म सिर्फ एक कहानी नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि अगर रुचि हो, तो सीमित संसाधनों में भी एक बेहतरीन फिल्म बनायी जा सकती है. मुंबई के जुहू में फिल्म की स्क्रीनिंग रखी गयी, जिसमें अभिनेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी शामिल हुए. उन्होंने इसकी तुलना सत्यजीत रे और मृणाल सेन जैसे महान कलाकारों की फिल्मों से की.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

