Sambalpur News: विद्यालय छोड़ चुके, कभी नामांकन न कराने और स्कूल से बाहर रह रहे बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल करने के उद्देश्य से संबलपुर में राज्यव्यापी अभियान ‘आस स्कूल जिबा’ (आओ, स्कूल चलते हैं) के तहत जागरुकता पदयात्रा रविवार को आयोजित हुई. इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शामिल हुए.
प्रत्येक बच्चे को स्कूल से जोड़ना राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल लक्ष्य
कार्यक्रम में श्री प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल लक्ष्य प्रत्येक बच्चे को विद्यालय से जोड़ना और मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध कराना है. उन्होंने बताया कि ड्रॉपआउट कम करने, नामांकन बढ़ाने, विद्यालयी ढांचे का विकास और साक्षरता दर बढ़ाने की दिशा में सरकार लगातार कार्यरत है. मंत्रालय के ‘उल्लास : नव भारत साक्षरता कार्यक्रम 2025’ के तहत 15 वर्ष से अधिक आयु के निरक्षरों को साक्षर बनाने के प्रयास भी चल रहे हैं. श्री प्रधान ने कहा कि संबलपुर जिले में विद्यालय जाने वाले बच्चों की स्थिति अन्य जिलों से बेहतर है, हालांकि फिलहाल लगभग 3000 बच्चे स्कूल से बाहर हैं. ऐसे बच्चों को शिक्षा और कौशल विकास से जोड़ने के लिए आस स्कूल जिबा जैसा अभियान राज्य सरकार की सराहनीय पहल है. उन्होंने जोर दिया कि विकसित ओडिशा और विकसित भारत का लक्ष्य केवल नारों से नहीं, बल्कि छात्रों, युवाओं और समाज के सभी वर्गों के जिम्मेदारी निभाने से पूरा होगा.
निरक्षरों को साक्षर बनाने और वोकल फॉर लोकल को प्रोत्साहित करने पर जोर
केंद्रीय मंत्री ने अपील की कि छात्र-छात्राओं को पढ़ाने, निरक्षरों को साक्षर बनाने और वोकल फॉर लोकल को प्रोत्साहित कर स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग बढ़ाया जाये. यही शिक्षा और सामाजिक दृष्टि से देश को मजबूत बनायेगा. उन्होंने कहा कि आस स्कूल जिबा का वातावरण बनाकर ही विकसित भारत का सपना साकार होगा. इस पदयात्रा में ओडिशा सरकार के पंचायतीराज मंत्री रवि नायक भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे. साथ ही विद्यालयों के छात्र-छात्राएं, शिक्षक-शिक्षिकाएं, अभिभावक, शिक्षा अधिकारी और प्रबंधन समिति के सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

