Rourkela News: बिसरा थाना अंतर्गत देवनदी के मिटकुंदरी घाट में नहाने उतरे तीन दोस्त गहरे पानी में डूब रहे थे. उनमें से दो को एक स्थानीय युवक ने बचा लिया, हालांकि, तीसरा लापता है. बुधवार दोपहर करीब 3:00 से 3.30 बजे के बीच घटना हुई.
राउरकेला से घूमने आये थे तीनों दोस्त
जानकारी के मुताबिक, राउरकेला से घूमने आये तीन दोस्त नहाने के लिए देवनदी में उतरे थे. इस दौरान गहराई में जाने से तीनों डूबने लगे. इसी दौरान घटनास्थल के पास मौजूद 14 वर्षीय स्थानीय बालक श्रवण भूमिज ने तीनों को डूबते देखा. उसने बिना देर किये साहस दिखाते हुए नदी में छलांग लगायी और दो युवकों को बचा लिया. हालांकि, तीसरा युवक टोनी घासी लापता है. टोनी राउरकेला रेलवे कॉलोनी का निवासी है. घटना की सूचना मिलने पर राउरकेला अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और लापता युवक की तलाश शुरू की. पुलिस और बचाव दल देर शाम तक तलाशी में जुटा रहा, लेकिन लापता युवक का पता नहीं चला. इधर, स्थानीय लोगों ने श्रवण भूमिज के साहसिक कार्य की सराहना करते हुए उसे सच्चा नायक बताया है.
जो समझ में आया, वही किया : श्रवण
14 वर्षीय श्रवण भूमिज ने बताया कि जब तीनों को डूबता हुआ देखा, तो रहा नहीं गया. तत्काल दिमाग में आया कि सभी को बचाया जाये. दो लोगों को बचा भी लिया, लेकिन तीसरे को नहीं बचा पाया.
भद्रक : नाबालिग लड़की के अपहरण मामले में लापरवाही के लिए एएसआइ निलंबित
ओडिशा पुलिस ने एक नाबालिग लड़की के अपहरण मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में बुधवार को एक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) को निलंबित कर दिया. पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनोज राउत ने धामनगर पुलिस थाने के एएसआइ को निलंबित करने का आदेश दिया, क्योंकि वह लगभग दो महीने तक पीड़िता या आरोपी का पता लगाने में विफल रहे. पुलिस ने बताया कि 17 जून को 22 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर धामनगर क्षेत्र के कंकारा गांव से एक स्कूली छात्रा का कथित तौर पर अपहरण कर लिया था. उसकी मां ने उसी दिन प्राथमिकी दर्ज कराई और एएसआई को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया. एक अधिकारी ने बताया कि हालांकि, 55 दिन तक कोई सफलता नहीं मिली. आखिरकार 11 अगस्त को धामनगर पुलिस के एक विशेष दस्ते ने देर रात के अभियान के दौरान क्योंझर जिले में किराये के एक मकान से पीड़िता को बचाया. देरी से निराश होकर लड़की के परिवार ने उड़ीसा उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया था. अदालत ने धामनगर आइआइसी और जांच अधिकारी दोनों को 11 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए बुलाया था और देरी और जांच की प्रगति के बारे में स्पष्टीकरण मांगा था. अदालत के हस्तक्षेप के बाद राउत ने कर्तव्य में लापरवाही का हवाला देते हुए एएसआइ को निलंबित करने का आदेश जारी किया. बचायी गयी नाबालिग को चिकित्सा जांच के बाद देखभाल और परामर्श के लिए भद्रक आश्रय गृह में रखा गया है.
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