Rourkela News: शुक्रवार से लगातार हो रही बारिश ने स्मार्ट सिटी में ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी है. इस बार फिर मॉनसून के समय हो रही बारिश से लोगों को सड़कों पर जल जमाव, ड्रेन जाम होने से घरों में दूषित पानी घुसना, कई-कई दिनों तक गलियों में घुटने तक पानी जमा रहना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ा है. शुक्रवार की रात से रविवार की दोपहर तक हुई बारिश ने शहर का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. इस बारिश से मालगोदाम एफसीआइ बस्ती में करीब 75 घर पानी में डूब गये हैं. इसके अलावा इस बारिश में घटिया सड़क निर्माण की भी पोल खोलकर रख दी है.
आजादी के सात दशक बाद भी शहर में जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त नहीं
देश की आजादी के बाद से राज्य की सत्ता में कांग्रेस, जनता पार्टी, जनता दल ने वर्ष 2000 तक राज किया. 2000 से 2009 तक सूबे में बीजद-भाजपा गठबंधन की सरकार रही. वहीं 2009 से 2024 तक बीजद की सरकार रही. अब जून, 2024 से भाजपा की डबल इंजन की सरकार सत्ता में है. इसी बीच राउरकेला को स्मार्ट सिटी बनाने के साथ राउरकेला महानगर निगम भी घोषित कर दिया गया है. इसके बाद भी यहां पर जल निकासी व्यवस्था को अभी तक दुरुस्त नहीं किया जा सका है. प्रत्येक वर्ष बारिश का मौसम घटिया सड़क निर्माण से लेकर टूटी-फूटी ड्रेन, चौपट सफाई व्यवस्था की पोल खोलता रहा है. इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ा है.अगले साल के लिए अभी से तैयारी शुरू करे प्रशासन
शहरवासियों का कहना है कि यदि इस मामूली बारिश में स्मार्ट सिटी की यह दशा है, तो उत्तराखंड में जिस प्रकार से बादल फटने से बारिश के बाद तबाही हुई है, वैसा ही कुछ यहां पर हुआ, तो समूचा शहर ही पानी में डूबा हुआ नजर आयेगा. जिससे बारिश खत्म होने के बाद आगामी वर्ष मॉनसून के दौरान अथवा कम दबाव का क्षेत्र बनने से होनेवाली बारिश का खामियाजा स्मार्ट सिटी को न भुगतना पड़े, इसके लिए अभी से प्रशासन को युद्ध स्तर पर तैयारी करने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

