Bhubaneswar News: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को विधानसभा को सूचित किया कि राज्य में जून 2024 से इस वर्ष जुलाई के बीच महिलाओं के खिलाफ अपराध के 37,611 मामले दर्ज किये गये. कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस के प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने बताया कि इन 14 महीनों के दौरान राज्य में दुष्कर्म के 2,933 मामले, छेड़छाड़ के 9,181 मामले, यौन उत्पीड़न के 1,278 मामले, महिलाओं के सार्वजनिक रूप से कपड़े उतारने के 2161 मामले, महिलाओं के अपहरण के 8,227 मामले, दहेज संबंधी प्रताड़ना के 5,464 मामले और गैर-दहेज प्रताड़ना के 6,134 मामले दर्ज किये गये.
महिलाओं से छेड़छाड़ के 702 व दहेज हत्या के 264 मामले दर्ज
माझी ने बताया कि इसी तरह राज्य भर के विभिन्न थानों में छेड़छाड़ के 702 मामले, दुष्कर्म के प्रयास के 174 मामले, यौन संबंध के बाद शादी से इनकार के 334 मामले, पीछा करने के 447 मामले, एसिड हमले के तीन मामले, एसिड हमले के प्रयास के तीन मामले, महिलाओं की तस्करी के 127 मामले, दहेज हत्या के 264 और दहेज आत्महत्या के 44 मामले दर्ज किये गये. उन्होंने बताया कि महिलाओं से अपराध के इन मामलों में 5,979 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें 225 महिलाएं भी शामिल हैं.
एसपी व अतिरिक्त एसपी स्तर के अधिकारियों से करायी जा रही जांच
राज्य में महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए उठाये गये कदम का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुष्कर्म, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और एसिड हमलों समेत महिलाओं के किसी भी संवेदनशील मामले की निगरानी पुलिस अधीक्षक (एसपी) या अतिरिक्त एसपी स्तर के अधिकारियों द्वारा की जा रही है. उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध की जांच के लिए अपराध अन्वेषण विभाग (सीआइडी)-अपराध शाखा के तहत अपराध की निगरानी इकाई काम कर रही है. बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों में सुनवाई में तेजी लाने के लिए 24 विशेष पॉक्सो अदालतें काम कर रही हैं, वहीं महिलाओं के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थानों पर गश्त में सुधार के लिए जिला पुलिस द्वारा कदम उठाये जा रहे हैं.
पुरी के बलंगा में लड़की की मौत आत्मदाह का मामला: माझी
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पुरी जिले में एक नाबालिग लड़की की मौत के मामले का खुलासा करते हुए सोमवार को कहा कि बलंगा की घटना बदमाशों द्वारा किया गया हमला नहीं, बल्कि आत्मदाह का मामला है. उन्होंने कहा कि शुरू में बताया गया था कि यह बदमाशों द्वारा किया गया हमला है. विधानसभा में बीजू जनता दल (बीजद) विधायक तुषारकांति बेहरा जेना के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में माझी ने कहा कि यह तथ्य गलत थे कि 15-वर्षीय लड़की को 19 जुलाई को अज्ञात व्यक्तियों ने आग लगा दी थी. उन्होंने बताया कि पीड़िता की मां ने बलंगा थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ अज्ञात लोग उसकी बेटी को जबरन नदी के तटबंध पर ले गये और उस पर मिट्टी का तेल तथा पेट्रोल डालकर उसे मारने का प्रयास किया. मुख्यमंत्री ने बताया कि बयान के अनुसार, लड़की किसी तरह बच निकली और पास के एक घर में मदद मांगी. उसे ग्रामीणों ने बचाया और पिपिली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां से उसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर भेज दिया गया. अगले दिन उसे ‘एयरलिफ्ट’ करके एम्स, नयी दिल्ली ले जाया गया, जहां दो अगस्त को उसकी मौत हो गयी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

