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Rourkela News: भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, यह आपके स्नातक होने का सर्वश्रेष्ठ समय : बृजेंद्र सिंह

Rourkela News: एनआइटी राउरकेला का 23वां दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित हुआ. नालको के चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर ने बच्चों का किया मार्गदर्शन

Rourkela News: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी राउरकेला (एनआइटी राउरकेला) ने शनिवार को अपने 23वें दीक्षांत समारोह का आयोजन भुवनेश्वर बेहरा ऑडिटोरियम में किया, जिसमें 1948 छात्रों (471 महिला और 1477 पुरुष) को डिग्रियां प्रदान की. बतौर मुख्य अतिथि बृजेंद्र प्रताप सिंह, चेयरमैन-कम-मैनेजिंग डायरेक्टर, नालको ने भाग लिया. उनके साथ एनआइटी राउरकेला के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम ने सभा को संबोधित किया और एनआइटी के निदेशक प्रो के उमा महेश्वर राव ने निदेशक की रिपोर्ट प्रस्तुत की.

विकसित भारत के चार स्तंभों में युवा सबसे महत्वपूर्ण

मुख्य अतिथि श्री सिंह ने एनआइटीआर को देश में 13वां स्थान और एनआइटी में दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त होने पर प्रबंधन, छात्रों और उपस्थित सभी को बधाई दी. कहा कि आप बहुत ही सौभाग्यशाली समय में स्नातक हो रहे हैं. 7-8 फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर के साथ भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. आज भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, इसलिए यह आपके स्नातक होने का सर्वश्रेष्ठ समय है और भारत 2047 तक विकसित भारत बनने की ओर अग्रसर है. विकसित भारत के चार स्तंभों में से पहला और सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ युवा हैं. भारत को युवा उद्यमियों, इंजीनियरों, वैज्ञानिकों, प्रशासकों, डॉक्टरों और सभी की आवश्यकता है, ताकि भारत एक विकसित राष्ट्र बन सके. आपके पास अपार अवसर होंगे, इसलिए भारत में रहें, भारत का समर्थन करें और देखें कि 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बनता है. इस अवसर पर शैक्षणिक उत्कृष्टता का सम्मान करने के लिए संस्थान ने वर्ष 2025 के स्नातक बैच को 09 संस्थान स्वर्ण पदक, 07 एंडोमेंट गोल्ड मेडल, 09 एंडोमेंट पुरस्कार और 58 शाखा टॉपर्स (सिल्वर मेडल) से सम्मानित किया.

किस स्ट्रीम में कितनी डिग्रियां प्रदान की गयीं

बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी : 1044 (205 महिलाएं और 839 पुरुष)बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर : 19 (04 महिलाएं और 15 पुरुष)बी-टेक-एम-टेक ड्यूल डिग्री : 44 (01 महिलाएं और 43 पुरुष)इंटीग्रेटेड मास्टर ऑफ साइंस (5 वर्ष) : 65 (08 महिलाएं और 57 पुरुष)मास्टर ऑफ साइंस : 170 (69 महिलाएं और 101 पुरुष)मास्टर ऑफ आर्ट्स : 25 (महिलाएं और 09 पुरुष)मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन : 66 (36 महिलाएं और 30 पुरुष)मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी : 422 (99 महिलाएं और 323 पुरुष)डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी : 93 (33 महिलाएं और 60 पुरुष)कुल : 1948

19 एनआरआइ समेत 81 अंतरराष्ट्रीय छात्र हुए स्नातक

इस वर्ष के दीक्षांत समारोह का एक अन्य मुख्य आकर्षण विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रमों से 81 अंतरराष्ट्रीय छात्रों का स्नातक होना था. इनमें 63 छात्र और 18 छात्राएं हैं. इसमें अफगानिस्तान से 01, दक्षिण अफ्रीका से 01, सूडान से 01, बांग्लादेश से 20, भूटान से 03, नेपाल से 32 और संयुक्त राज्य अमेरिका से 04, साथ ही भारत के 19 अनिवासी भारतीय (एनआरआइ) छात्र शामिल हैं.

उद्देश्यपूर्ण ढंग से अपना भविष्य गढ़ें और एनआइटी को गौरवान्वित करें

एनआइटी राउरकेला के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष एसएन सुब्रह्मण्यम ने कहा कि यह सबसे प्रासंगिक तथ्य है कि संस्थान को एनआइआरएफ-2025 सूची में 13वां स्थान प्राप्त हुआ है. इसके लिए प्रो राव और उनकी पूरी टीम को बधाई. इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में, शीर्ष संस्थानों, चाहे वे सार्वजनिक हों या निजी, जिनमें आइआइटी भी शामिल हैं, के साथ प्रतिस्पर्धा करना और 13वां स्थान पाना आसान नहीं है. यह देखकर भी अच्छा लगता है कि कुछ श्रेणियों में एनआइटी राउरकेला शीर्ष 10 में है, जैसे सस्टेनेबिलिटी (सतत विकास) श्रेणी में मिली रैंकिंग वास्तव में विशिष्ट और सराहनीय है. मैंने प्रो राव से सुना कि आप में से 90% का प्लेसमेंट हो चुका है. यह शानदार और प्रशंसनीय उपलब्धि है. यह दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है, पर्याप्त रोजगार उपलब्ध हैं और कंपनियां प्रगति कर रही हैं. स्नातक वर्ग को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि दीक्षांत समारोह केवल डिग्री प्राप्त करने का अवसर नहीं है, बल्कि उस पूरे सफर का सम्मान है, जो आपने तय किया. यह उन चुनौतियों का उत्सव है, जिन्हें आपने छात्र जीवन में पार किया और उस भविष्य का संकल्प है, जिसे आप आकार देंगे. एनआइटी राउरकेला की भावना को साथ लेकर आगे बढ़ें और दुनिया में विनम्रता के साथ चलें. जमीन से जुड़े रहना बहुत आवश्यक है. भविष्य का अनुमान लगाने का सबसे अच्छा तरीका है उसे स्वयं बनाना. इसलिए आगे बढ़ें, उद्देश्यपूर्ण ढंग से अपना भविष्य गढ़ें और स्वयं के साथ-साथ एनआइटी राउरकेला को भी गौरवान्वित करें.

एनआइटी राउरकेला ने राष्ट्र निर्माण में दिया है उल्लेखनीय योगदान

प्रो के उमामहेश्वर राव ने कहा कि एनआइटी राउरकेला में आपका समय न केवल आपको ज्ञान और तकनीकी विशेषज्ञता से सुसज्जित करता है, बल्कि इसने आपको बहुमूल्य जीवन-पाठ भी सिखाये हैं, जो आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए आपको तैयार करते हैं. आपमें से प्रत्येक के पास विशिष्ट गुण हैं और दुनिया में निभाने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि एनआइटी राउरकेला की एनआइआरएफ 2025 रैंकिंग में स्थिति एक असाधारण उपलब्धि है, जिसे हमारे संकाय, शोधकर्ताओं, कर्मचारियों और छात्रों की सामूहिक निष्ठा और प्रयासों से हासिल किया गया है. हमें समान रूप से गर्व है कि ओडिशा के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरिंग संस्थान के रूप में हमारी निरंतर उत्कृष्टता बनी हुई है और आर्किटेक्चर एवं प्लानिंग श्रेणी में हमें राष्ट्रीय स्तर पर 7वां स्थान प्राप्त हुआ है. उन्होंने कहा कि 12 विभागों में 15 विषयों में बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी डिग्री के साथ योजना और वास्तुकला विभाग द्वारा बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर, एमबीए, एमटेक, 13 विभागों के तहत 31 विशेषज्ञताओं में डिग्री, चार विभागों में चार डोमेन में एमटेक दोहरी डिग्री कार्यक्रम, विभिन्न विज्ञान और कला धाराओं में एकीकृत मास्टर कार्यक्रम, इन सबके साथ, एनआइटी राउरकेला ने राष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में एक लंबे समय से उल्लेखनीय योगदान दिया है.

छात्रों की सुविधा के लिए अग्रिम किया दीक्षांत समारोह

इस बार एनआइटी राउरकेला ने 2024-2025 दीक्षांत समारोह को सितंबर 2025 में अग्रिम कर दिया है. इसका उद्देश्य स्नातक हो रहे छात्रों, विशेषकर अंतरराष्ट्रीय छात्रों, को समय पर उनकी मूल डिग्रियां प्राप्त करने में सहायता करना है, ताकि उन्हें इसके लिए दोबारा वापस आने की आवश्यकता न पड़े. यह कदम उन कठिनाइयों को भी कम करने के लिए है, जिनका सामना छात्र अक्सर अस्थायी प्रमाणपत्र (प्रोविजनल सर्टिफिकेट) के साथ करते हैं, चाहे वह विदेश में उच्च शिक्षा के लिए आवेदन हो या अपनी पहली नौकरी शुरू करने के समय.

इन पूर्व छात्रों को मिला विशिष्ट पुरस्कार

1.) शैक्षणिक और शोध क्षेत्र : प्रो अरविंद राउतराय, प्रोफेसर एवं अधिष्ठाता (इंफ्रास्ट्रक्चर – इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटिंग), आइआइटी खड़गपुर

2.) उद्योग और प्रबंधन : रंजन नायक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जेएसडब्ल्यू मोटर्स3.) उद्यमिता और सार्वजनिक जीवन : सुब्रत पाणी, सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, वन असिस्ट4.) संस्थान की प्रगति में योगदान : डॉ बीरेंद्र जेना, पूर्व-प्रधान अभियंता, आरटीआइ इंटरनेशनल मेटल्स, ओहायो, अमेरिका

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