Bhubaneswar News: ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सोमवार को विधानसभा में बताया कि राज्य सरकार ने पिछले पांच साल में भ्रष्टाचार में लिप्त 120 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया और 39 अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी. बीजू जनता दल (बीजद) के विधायक ध्रुव चरण साहू के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2020 से 2024 के बीच भ्रष्टाचार में लिप्त होने और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के लिए कुल 120 सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि 39 अन्य को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गयी.
59.47 करोड़ रुपये की संपत्ति सरकार ने जब्त की
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने इन लोक सेवकों की 59.47 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की. वर्षवार ब्योरा देते हुए माझी ने कहा कि 2023 में 31 सरकारी अधिकारी, 2024 में 30, 2020 में 27 और 2021 व 2022 में 16-16 सरकारी अधिकारी बर्खास्त किये गये. उन्होंने कहा कि 2021 में 23 अधिकारियों को, जबकि 2022 में 13 को और 2020, 2023 व 2024 में एक-एक अधिकारी को समय से पहले सेवानिवृत्ति दी गयी.
चिटफंड घोटाला के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए नयी नियमावली लायेगी सरकार
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा है कि चिटफंड घोटाला के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए राज्य सरकार जल्द ही नयी नियमावली लागू करेगी. विधानसभा के चालू सत्र में प्रश्नकाल के दौरान एक लिखित उत्तर में मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि चिटफंड पीड़ितों को धन वापसी की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए सरकार नये दिशा-निर्देश तैयार कर रही है. मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 96,474 लाभार्थियों को कुल 45.69 करोड़ रुपये की राशि वापस की जा चुकी है. शेष जमाकर्ताओं को शीघ्र मुआवजा दिलाने के लिए सरकार तेजी से कदम उठा रही है. उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा प्रस्तुत सात अंतरिम रिपोर्टों के आधार पर 4,72,651 लोगों को मुआवजा देने की सिफारिश की गयी है. सरकार की यह पहल चिटफंड घोटालों से प्रभावित हजारों लोगों को राहत देने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है.
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