Rourkela News: स्टील वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसडब्ल्यूएफआइ) का 10वां अखिल भारतीय सम्मेलन शनिवार को स्थानीय भंज भवन सभागार में शुरू हुआ है. सम्मेलन का उद्घाटन फेडरेशन के अध्यक्ष, सीटू के अखिल भारतीय महासचिव और पूर्व सांसद तपन सेन ने किया. देश भर के विभिन्न राष्ट्रीयकृत इस्पात संयंत्रों और खदानों से आये श्रमिक नेतृत्व के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए तपन सेन ने कहा कि केंद्र सरकार की श्रमिक-विरोधी कार्यक्रमों का मुकाबला श्रमिक वर्ग के मजबूत आंदोलन से ही किया जा सकता है.
सरकारी उद्यमों को पूंजीपतियों के हवाले कर रही है केंद्र सरकार
श्री सेन ने कहा कि केंद्र सरकार सरकारी उद्यमों को पूंजीपतियों के हवाले कर रही है. सेल अधिकारियों की ओर से कर्मचारियाें के लिए एनजेसीएस में 39 महीनों से वेतन समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं. ठेका मजदूरों की हालत दयनीय है. केंद्र सरकार संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला कर रही है. इसके खिलाफ मजदूरों को अपने संगठन को मजबूत करने की जरूरत है. सम्मेलन के आरंभ में संगठन का ध्वज अखिल भारतीय अध्यक्ष ने फहराया. सम्मेलन का शोक प्रस्ताव महासंघ के उपाध्यक्ष विष्णु मोहंती ने प्रस्तुत किया. स्वागत समिति के अध्यक्ष और बणई विधायक लक्ष्मण मुंडा ने स्वागत संबोधन दिया, जबकि महासंघ के महासचिव ललित मिश्रा ने राजनीतिक और संगठनात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की.
इस्पात संयंत्रों और खदानों के स्थायी और ठेका मजदूरों की समस्याओं पर होगी चर्चा
देश के विभिन्न सरकारी इस्पात संयंत्रों और खदानों के स्थायी और ठेका मजदूरों का नेतृत्व इस रिपोर्ट पर दो दिनों तक चर्चा करेगा और देश के इस्पात मजदूरों के आगामी दिनों के संबंध में सम्मेलन के एजेंडे पर निर्णय लेगा. सम्मेलन में अन्य लोगों के अलावा उपाध्यक्ष विमान मैती, प्रमोद सामल, अयोध्या राम, सचिव बसंत नायक, विश्वरूप बनर्जी, बीडी प्रसाद, पी पन्नीरसेल्वम, एसपी डे, गुरु प्रसाद बनर्जी, प्रद्युत मुखर्जी, सुरेश कुमार, प्रसनजीत मंडल और अन्य प्रमुख अखिल भारतीय नेता शामिल थे. सम्मेलन में 300 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया. शनिवार के अपराह्न सम्मेलन के सभी प्रतिनिधि आमबागान चौक में एकत्र हुए और सेल अधिकारियों से तुरंत एनजेसीएस को बुलाने और श्रमिकों के लिए वेतन समझौते पर हस्ताक्षर करने और 39 महीने के बकाया का भुगतान करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही चेतावनी दी गयी कि यदि सेल अधिकारी आने वाले दिनों में इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाते हैं तो इस सम्मेलन में इसके खिलाफ आंदोलन चलाने का निर्णय लिया जायेगा.
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