चाईबासा . सरकारी कर्मियों को सस्ती दर पर मिलेगा घरेलू खाना
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं होगी स्वावलंबी
चाईबासा : महिला स्वयं सहायता समूह को बढ़ावा देने के उद्देश्य से झारखंड सरकार की एक और महत्वपूर्ण योजना दीदी कैफे चाईबासा नये समाहरणालय से शुरू होगी. दीदी कैफे योजना के तहत महिला स्वयं सहायता समूह के सहयोग से समाहरणालय परिसर में कैंटीन खोला जायेगा. समाहरणालय के बाद यह योजना प्रखंडों में लागू की जायेगी.
सबसे पहले झारखंड सरकार ने यह योजना पाकुड़ में शुरू की थी. जिसके सफल होने के बाद अन्य जिलों में भी लागू करने का सरकार ने निर्देश दिया है. सरकार के मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त को पत्र लिखकर जिले में इस योजना को शुरू करने को कहा है.
जिले में योजना के शुरू होने में तीन माह का समय : पश्चिम सिंहभूम जिले में इस योजना के शुरू होने में तीन माह का और समय लग सकता है क्योंकि जिले का नया समाहरणालय भवन बनकर तैयार है. अगस्त में नये भवन में पूरा प्रशासनिक महकमा शिफ्ट होने की तैयारी में है. इसलिए इस योजना को नये भवन से शुरू करने की योजना है. ताकि इसे गति मिल सके. नया समाहरणालय भवन जिस जगह बना है वहां दीदी कैफे काफी लाभदायक सिद्ध होगा. क्योकि उक्त क्षेत्र के आसपास कैंटीन की कोई व्यवस्था नहीं है.
पाकुड़ समाहरणालय व लिट्टीपाडा प्रखंड में चल रही योजाना: दीदी कैफे मॉडल की शुरुआत सबसे पहले पाकुड़ समाहरणालय में 18 जनवरी 2017 से शुरू हुई थी. इसकी सफलता देखकर 20 अप्रैल से इसी लिट्टीपाड़ा प्रखंड में शुरू किया गया है. अब इस योजना को राज्य सरकार पूरे राज्य में शुरू करने की योजना पर काम कर रही है. इसे लेकर मुख्य सचिव ने सभी डीसी ने पत्र लिखकर जिले में इसे शीघ्र लागू करने का निर्देश दिया है.
क्या है दीदी कैफे
दीदी कैफे से महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा कैंटीन चलाने की व्यवस्था को शुरू करना है. समाहरणालय परिसर में इसे शुरू करने पर प्रशासनिक कर्मचारियों को कम दाम पर खाना व नाश्ता उपलब्ध हो पायेगा तथा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा.
चाईबासा के नये समाहरणालय भवन में दीदी कैफे की शुरुआत पहले चरण में की जायेगी. जिसके बाद इसे प्रखंड मुख्यालय में शुरू किया जायेगा.
डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि, उपायुक्त पश्चिम सिंहभूम