काठभारी में आठ साल से आधूरी पड़ी जलमीनार.
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11 लाख से बन रही जल मीनार आठ साल से अधूरी
काठभारी में आठ साल से आधूरी पड़ी जलमीनार. तांतनगर : काठभारी में बन रही जल मीनार आठ साल बाद भी अधूरी है. मीनार की छत की ढ़लाई अब तक नहीं हो सकी है. प्लास्टर का काम भी पड़ा है. मोटर पंप मशीन व बिजली वायरिंग का काम लंबित है. जलमीनार से ग्रामीणों को कोई लाभ […]
तांतनगर : काठभारी में बन रही जल मीनार आठ साल बाद भी अधूरी है. मीनार की छत की ढ़लाई अब तक नहीं हो सकी है. प्लास्टर का काम भी पड़ा है. मोटर पंप मशीन व बिजली वायरिंग का काम लंबित है. जलमीनार से ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. गांव के लोग पेयजल के लिए चापाकल व तालाब पर आश्रित हैं. गांव की अाबादी करीबन 1200 है. यह जल मीनार वर्ष 2008-09 पेयजल व स्वास्थ्यता विभाग चाईबासा से 11 लाख रुपये से बन रही थी.
जलमीनार अधूरी है. पेयजल के लिए निकटतम स्थित तालाब का पानी से प्यास बुझाते हैं. जल मीनार पूर्ण करने के प्रति पंचायत या जन प्रतिनिधि कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
-परमेश्वर कंलिदी, काठभारी
जलमीनार पूर्ण नहीं होने से काफी दिक्कतों कि सामना करना पड़ रहा है. पेयजल के लिए दूर जाना होता है.
– लेबेया पुरती, काठभारी
काठभारी में अधूरी पड़ी जलमीनार मेरे संज्ञान में नहीं है. जल्द मीनार को पूूरी करने का प्रयास किया जायेगा.
– नगेंद्र तिवारी, बीडीओ तांतनगर
ठेकेदार काम ही नहीं करना चाहता है. उस मामले में ठेकेदार पर केस होगा.
– अश्विनी सरदार, कनीय अभियंता, पीएचडी चाईबासा
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