छह माह से बिस्तर पर पड़ा था लकवाग्रस्त कांडे पुरती
गरीबी के कारण नहीं करा पा रहा था इलाज
प्रशासन से मिले आश्वासन के बाद जगी थी जीवन की आस
नोवामुंडी : प्रशासन से इलाज में मदद का आश्वासन के बाद नये जीवन की आस में बिस्तर पर पड़ा लकवाग्रस्त कांडे पुरती (62) ने बुधवार को दम तोड़ दिया. दरअसल पैर में लकवा के कारण कांडे पुरती छह माह से पंचायसायी स्थित अपने घर में पड़ा था. गरीबी के कारण इलाज नहीं करा पा रहा था. प्रभात खबर में समाचार प्रकाशित होने के बाद बीते दिनों महुदी पंचायत के मुखिया राज बारजो ने पीड़िता से मुलाकात की थी. 10 किग्रा चावल व एक कंबल दिया. वहीं बीडीओ ने 10 किग्रा चावल व एक कंबल दिये. उन्होंने इलाज का भरोसा दिलाया था.
राशनकार्ड नहीं होने से आयुष्मान का नहीं मिला लाभ : दरअसल उसके पास राशनकार्ड नहीं था. इसके कारण आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिला. उसकी वृद्ध पत्नी रोयबारी कुई साग-पात खाकर भूख मिटा रही है. कांडे पुरती ने महुआ को दो पेड़ ढाई हजार रुपये में बेचकर झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराया. पैसे खत्म हो गया, लेकिन लाभ नहीं हुआ. वह चल-फिर नहीं सकता था.
बीडीओ के आदेश पर सीएचसी प्रभारी ने की थी जांच : बड़ाजामदा सीएचसी प्रभारी डॉ बीके सिन्हा ने बीडीओ समरेश प्रसाद भंडारी के निर्देश पर बुधवार की शाम पचायसायी गांव जाकर कांडे पुरती की जांच की. उसमें हेमीप्लेजिया बीमारी के लक्षण मिले. इसमें एमआरआइ कराने की जरूरत है. यह सुविधा एमजीएम जमशेदपुर में है. इसके पूर्व टाटा-स्टील ग्रामीण विकास समिति के चिकित्सक ने टीएमएच में निःशुल्क इलाज के लिए आग्रह किया. यहां से कोई लाभ नहीं मिला. इसके बाद प्रशासन भी शांत बैठ गया. इधर इलाज के आस में कांडे ने दम तोड़ दिया.