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प्लस टू जिला स्कूल परिसर में हुआ भूमि पूजन

चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के करीब 75 हजार बच्चों को सेंट्रलाइज किचन से मध्याह्न भोजन (एमडीएम) परोसा जायेगा. इसके लिए गुरुवार को चाईबासा प्लस टू जिला स्कूल परिसर में टाटा स्टील ने अन्ना अमृत फाउंडेशन के साथ मिलकर जिला प्रशासन से तीन साल के लिए एमओयू किया. मौके पर सेंट्रलाइज […]

चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों के करीब 75 हजार बच्चों को सेंट्रलाइज किचन से मध्याह्न भोजन (एमडीएम) परोसा जायेगा. इसके लिए गुरुवार को चाईबासा प्लस टू जिला स्कूल परिसर में टाटा स्टील ने अन्ना अमृत फाउंडेशन के साथ मिलकर जिला प्रशासन से तीन साल के लिए एमओयू किया. मौके पर सेंट्रलाइज किचन का भूमि पूजन हुआ. प्रक्रिया फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की सेंट्रलाइज्ड एमडीएम गाइडलाइन के तहत पूरी की गयी.

टाटा स्टील के वीपीसीएस सुनील भास्करन ने कहा कि सेंट्रलाइज्ड किचन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण व पौष्टिक आहार देना है. इससे जिला कुपोषण मुक्त बन सके. पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर में टाटा स्टील सेंट्रलाइज्ड किचन से बच्चों को एमडीएम उपलब्ध करा रही है.

चाईबासा वासियों को रोजगार भी मिलेगा
अन्ना अमृत फाउंडेशन के ट्रस्टी सह वाइस चेयरमैन संजय टीकू ने कहा देशभर के 700 जिलों में पश्चिमी सिंहभूम चौथा कुपोषित जिला है. सेंट्रलाइज किचन तैयार होने के बाद सात प्रखंडों के 75 हजार बच्चों को 15 अगस्त 2019 से मध्याह्न भोजन परोसा जायेगा. इसके तहत चाईबासावासियों को रोजगार भी मिलेगा.
662 स्कूलों के बच्चों को मिलेगा लाभ
उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि राज्य सरकार की सहमति से सेंट्रलाइज किचन की नींव रखी जा रही है. योजना के तहत जिले के 662 विद्यालयों में पढ़ने वाले आठवीं तक के बच्चों को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया जायेगा. सेंट्रलाइज किचन में फर्स्ट पार्टी के तौर पर जिला प्रशासन की टीम कार्य करेगी. इस दौरान मुख्य रूप से टाटा स्टील के सीएसआर हेड सौरभ राव, अन्ना अमृत फाउंडेशन के चीफ मॉरर्केटिंग ऑफिसर ज्योती रंजन, जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रदीप कुमार चौबे, जिला शिक्षा अधीक्षक नीलम आइलीन टोप्पो आदि उपस्थित थी.
ग्रामीणों ने जिला स्कूल परिसर में किचन बनाने का किया विरोध
चाईबासा स्थित प्लस टू जिला स्कूल परिसर में सेंट्रलाइज्ड किचन बनाने का खप्परसाई के ग्रामीणों ने मानकी-मुंडाओं व मुखिया के साथ मिलकर विरोध किया. एमओयू साइन करने के दौरान प्लस टू जिला स्कूल परिसर में सैकड़ों ग्रामीण एकजुट हो गये. भूमि पूजन का विरोध करने लगे. उपायुक्त अरवा राजकमल ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया.
तमाड़बांध के मुखिया गिरीश चंद्र देवगम ने बताया कि विद्यालय के पीछे स्थित मैदान का उपयोग खप्परसाई के ग्रामवासी लगभग 100 वर्षों से धार्मिक व सामाजिक आयोजनों के साथ खेल मैदान के रूप में करते हैं. गांव में सार्वजनिक उपयोग के लिए दूसरा मैदान नहीं है. मैदान के उत्तर पूर्वी हिस्से में देव स्थान है. यहां माघे पर्व पर ग्रामीण जतरा पूजा करते हैं. इसी मैदान में पारंपरिक नृत्य आदि का ग्रामीण आयोजन करते आ रहें हैं. मौके पर झामुमो के जिला सचिव सोना देवगम, भावी मुंडा संजीत देवगम, ग्राम सभा सचिव संग्रीय देवगम, डाकुवा फूल चंद्र देवगम, सोनू राम गोप, मड़की देवगम, प्रेम कृष्ण आदि उपस्थित थे.
स्टीम से तैयार होगा एमडीएम, 10 करोड़ से तैयार होगा किचन
10 करोड़ की लागत से तैयार होगा सेंट्रलाइज्ड किचन
चाईबासा स्थित प्लस टू जिला हाई स्कूल परिसर में 10 करोड़ की लागत से सेंट्रलाइज्ड किचन का निर्माण होगा. कंस्ट्रक्शन कार्य के लिए टाटा स्टील 5 करोड़ 29 लाख रुपये खर्च करेगी. अतिरिक्त 4 करोड़ 71 लाख रुपये का उपयोग सामान, वाहन व श्रम मजदूरी पर खर्च होगा. सेंट्रलाइज्ड किचन के लिए 1.8 एकड़ भूमि की चहारदीवारी की जायेगी. वहीं 180 फीट चौड़े व 380 फीट लंबा एरिया में सेंट्रलाइज्ड किचन का निर्माण होगा.
सेंट्रलाइज्ड किचन में चाईबासावासियों को मिलेगा रोजगार
सेंट्रलाइज किचन बनने के बाद चाईबासा के स्थानीय युवाओं के साथ महिलाओं को अन्ना अमृत फाउंडेशन से रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा. स्थानीय 25 से 30 महिलाएं सेंट्रलाइज किचन में रसोइया के रूप में कार्य करेंगी. इसके अलावा किचन से 45 किलोमीटर के क्षेत्रफल में पड़ने वाले विद्यालयों में एमडीएम पहुंचाने के लिए चलने वाले वाहनों के लिए चालक एवं हेल्पर के रूप में बेरोजगार युवकों को रोजगार मुहैया कराया जायेगा. सफाई कर्मी आदि के रूप में भी युवकों को रोजगार दिया जायेगा.
फूड वेस्टेज को रि-साइकिल कर बनायी जायेगी मिथेन गैस
सेंट्रलाइज किचन में दो नयी प्रणाली का उपयोग होगा. वेस्टेज फूड को रि-साइकिल करने के लिए 100 किलो क्षमता वाले बायो गैस प्लांट लगाया जायेगा. इसके जरिये मिथेन गैस बनायी जायेगी. मिथेन गैस का इस्तेमाल कूकिंग के लिए होगा. इसे मसाला भूनने आदि के लिए प्रयोग किया जायेगा. वहीं किचन में एवरेस्ट व एमडीएच मसालों का उपयोग सब्जियों में होगा. पानी बर्बाद होने से बचाने के लिए इंफ्यूल्येूंट सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (इएसटीपी) लगाया जायेगा. किचन में उपयोग होने वाले 10 से 15 हजार लीटर पानी को 4 से 5 बार फिल्टर किया जायेगा. इसके बाद इस पानी का उपयोग किचन की साफ-सफाई व प्लांटटेशन के लिए किया जायेगा.
पर्यावरण सुरक्षित रख बनाये
जायेगा पौष्टिक आहार
सेंट्रलाइज्ड किचन में पर्यावरण को ध्यान में रखकर बच्चों के लिए पौष्टिक आहार बनाया जायेगा. इसके लिए सेंट्रलाइज्ड किचन में फूड सेफ्टी ऑथिरिटी ऑफ इंडिया के तहत गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (जीएनपी) तकनीक का इस्तेमाल कर खाना पकाया जायेगा. सेंट्रलाइज किचन में खाना पकाने वाली रसोइयों के हाथों में ग्लब्स, मॉस्क, सिर पर कैप, पैरों में गम बूट आदि पहनाया जायेगा. नजर रखने के लिए सेंट्रलाइज्ड किचन के चारों ओर कुल 12 सीसीटीवी कैमरे लगायें जायेंगे. इसकी मॉनीटरिंग जिला शिक्षा अधीक्षक के कार्यालय से सीधे की जायेगी. सेंट्रलाइज किचन में चावल-दाल के साथ ही छोला, राजमा, मिक्स खिचड़ी, आलू-सोयाबिन, चना मसाला आदि शुद्ध शाकाहारी भोजन तैयार किया जायेगा. इसके अलावा हफ्ते में एक दिन खीर व सप्ताह में तीन दिन फल के रूप में एक केला या फिर एक सेब बच्चों को दिया जायेगा.
रात 2 बजे से सेंट्रलाइज्ड किचन में पकेगा खाना
सेंट्रलाइज्ड किचन में रात 2 बजे से पश्चिमी सिंहभूम जिले के 75 हजार बच्चों के लिए खाना तैयार किया जायेगा. इसके लिए किचन में चावल पकाने के लिए 10 व दाल-सब्जियों के लिए 8 बड़े कूकर लगाये जायेंगे. इसके बाद 5 घंटों के भीतर सुबह 5 बजे तक खान बनाकर तैयार कर दिया जायेगा. वहीं जिले के 45 किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले 7 प्रखंड के 622 विद्यालयों में पका हुआ भोजन पहुंचाने के लिए 35 से 40 टाटा मैक्सी व बैलेरो वाहन का उपयोग किया जायेगा. जिसमें तैयार भोजन को स्टेनलैस स्टील के बर्तनों व फूड ग्रेड वेसेल में सील पैक कर विभिन्न स्कूलों में खाना पकने के 2 घंटों के भीतर सुबह 9 बजे तक पहुंचा दिया जायेगा. जिसे ले जाकर स्कूलों के पास उपलब्ध कंटेनेर में खानों को डाल दिया जायेगा.
भविष्य में सेटेलाइट किचन बनाने की योजना
जिले के कुल 18 प्रखंडों के प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को एमडीएम के तहत गुणवत्ता युक्त पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए भविष्य में सेटेलाइट किचन स्थापित करने की योजना है. इसके तहत हब एंड स्पोक मॉडल के जरिये जिले के केंद्रीयकृत सेंट्रलाइज किचन सहित दो से तीन स्थानों पर सेटेलाइट किचन स्थापित करने की सोच है. इसमें कम से कम 10 से 15 एवं अधिकतम 20 हजार बच्चों के लिए खाना पकाया जा सकेगा.

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